Posted on

अविनाश केवलिया/जोधपुर. नई शहरी सरकार बनने से पहले हमारा शहर दूसरी बार परिसीमन देखेगा। पहली बार में वार्डों की संख्या 65 से बढ़ाकर 100 की गई थी। दूसरी बार में शहर में दो नगर निगम के साथ 160 वार्ड होने वाले हैं। प्रारंभिक तौर पर शहरी सरकार की सीमाएं बढ़ाने की कोई बात नहीं हुई है। लेकिन अब शहरवासियों की मांग सामने आने लगी है। बहुत बड़ी जनसंख्या है जो रहती शहर में है, प्राधिकरण का तमगा भी लिए हुए है, लेकिन शहरी सरकार में हिस्सा नहीं। पिछले 4 दशक में 200 गांवों को विकास की सीमा में तो लिया गया लेकिन निगम से दूर रखा।

इस पर खास रिपोट…

नगर निगम के एक बार फिर होने वाले परिसीमन से पहले शहरी क्षेत्र से सटी ग्राम पंचायतों को निगम सीमा में लेने की मांग उठ रही है। 1992 में नगर निगम बना तब से उसकी सीमा में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। हालांकि चौपासनी हाउसिंग बोर्ड सहित कुछ मोहल्ले जरूर निगम में जुड़े हैं। इसके अलावा निगम की सीमा में खास वृद्धि नहीं हुई। इस बार पहले वार्ड पुनर्सीमांकन में शहर की सीमा बढ़ाने की मुहिम ठंडे बस्ते में रही। अब जयपुर, कोटा व जोधपुर निगम को दो भागों में बांट कर वार्ड संख्या बढ़ाई गई है। ऐसे में शहरी सीमा बढ़ाकर परिसीमन करने की मांग जोर-शोर से उठ रही है।

यूआइटी-जेडीए में बढ़ते गए गांव
– 1976 से 1996 तक पहला मास्टर प्लान बना। इसमें नगर विकास की सीमा में 33 गांव रखे गए थे।
– 2001 से 2023 तक के लिए दूसरा मास्टर प्लान शहर का बना। इसमें यूआइटी की सीमा बढ़ाकर 72 राजस्व गांव किए गए।
– 2031 तक के लिए अब तीसरा मास्टर प्लान तैयार है। 233 राजस्व गांव तक जेडीए की सीमा बढ़ाई गई है। 4 दशक में 33 से 233 गांवों तक का सफर जेडीए ने कर लिया है।

निगम में अब भी वही हालात
– 1992 में नगर निगम जिन गांवों को लेकर बना उसके बाद से कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ।
– हाउसिंग बोर्ड के एक-दो क्षेत्र जरूर पिछले कुछ वर्षों में जुड़े हैं।
– कुड़ी हाउसिंग बोर्ड के सभी सेक्टर को निगम सीमा में जोडऩे का प्रस्ताव आया था। लेकिन उसे मंजूर नहीं किया गया।

31 लाख बनाम 10 लाख जनसंख्या
दो नगर निगम बनाने का जो आधार रखा गया है वह 10 लाख जनसंख्या के आधार पर है। जोधपुर शहर की जनसंख्या 10 लाख को पार कर चुकी है। लेकिन मास्टर प्लान में जिन 233 गांवों को शामिल किया गया है उनकी 2031 तक की अनुमानित जनसंख्या 31 लाख आंकी गई है। जेडीए ने उस लिहाज से इन गांवों में विकास का खाका तैयार किया गया है।

इनका कहना….
निगम क्षेत्र का विस्तार हो तो सिर्फ मोहल्ले नहीं राजस्व गांव जुडऩे चाहिए। हमारे समय में कुड़ी भगतासनी को निगम में शामिल करने का प्रस्ताव आया था। लेकिन सिर्फ क्षेत्र विस्तार दे रहे थे, वहां के अधिकार हाउसिंग बोर्ड अपने पास रखना चाहता था। चौपासनी हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र के अब तक पूरे अधिकार निगम को नहीं मिले हैं।
– घनश्याम ओझा, महापौर, नगर निगम जोधपुर

[MORE_ADVERTISE1]
Source: Jodhpur

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *