बाड़मेर. दस माह बाद स्कू ल खुलने पर उत्साह, खुशियां और उल्लास का वातावरण नजर आया। बच्चे स्कू ल में दोस्तों से मिलकर खुश थे तो विद्यालय स्टाफ पढ़ाई शुरू पर। एेसे में पहले दिन खिले चेहरे, उत्साह व उमंग के साथ खुशियां से लबरेज वातावरण हर स्कू ल में नजर आया।
हालांकि इस दौरान कोरोना नियमों के चलते बदलाव जरूर नजर आया। बच्चे एक-दूसरे से हाथ मिलाने में परहेज करते दिखे तो मास्क हर मुंह पर था। विद्यालय प्रबंधन भी मुख्य दरवाजे के बाहर सेनेटाइजर की व्यवस्था के साथ तैयार था। कोरोना संकट के बीच २१ मार्च से बंद हुए विद्यालयों में सोमवार को घंटी बजी। दस माह बाद इसके चलते स्कू लों में रौनक नजर आई।
सुबह से ही विद्यालय खुलने का उत्साह नजर आ रहा था। विद्यार्थी जहां समय पर तैयार होकर विद्यालय पहुंचे थे तो विद्यालय प्रबंधन भी सेनेटाइजेशन के साथ कोरोना गाइड लाइन के तहत पढ़ाई करवाने की तैयारी में जुटा। शहर में लम्बे अंतराल बाद सर्दी के बावजूद स्कू ल ड्रेस में बच्चों की आवाजाही सुखद संदेश दे रही थी। कई विद्यालयों में समय से पहले ही विद्यार्थी पहुंचे। दस माह बाद स्कू ल पहुंचने पर कई जनों ने विद्यालय की चौखट पर नमन कर प्रवेश किया। वहीं, विद्यालय के दरवाजे पर सेनेटाइजेशन की व्यवस्था होने से सभी सेनेटाइज होकर विद्यालय में पहुंचे। सर्दी के बावजूद चेहरों पर खुशी- सोमवार को शहर में सर्दी का असर था। बावजूद इसके सुबह से ही बच्चे उत्साह के साथ तैयार हो गए।
साइकिल पर या पैदल आने वाले बच्चे जल्दी तैयार होकर रवाना हुए तो उनके चेहरों पर खुशी नजर आ रही थी। बसों में आधी सीटें खाली- स्कू ल बसों में कोरोना गाइडलाइन के चलते आधी सीटों पर विद्यार्थी बैठे हुए थे तो आधी खाली थी। वहीं, कक्षाओं में आधे बच्चों को बिठाया गया। हालांकि सोशल डिस्टेंसिंग की पालना विशेषकर छुट्टी के दौरान नजर नहीं आई।
Source: Barmer News