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जोधपुर।

कोरोना काल के बाद अब देश के निर्यातकों को सरकार की ओर से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि पर संकट के बादल मंडरा रहे है । केन्द्र सरकार निर्यातकों को मर्चेंडाइज एक्सपोट्र्स फ्रॉम इंडिया स्कीम (एमइआइएस) के रूप में प्रोत्साहन रूपी ड्रॉ बैक देती है। इस स्कीम को 31 दिसम्बर से बन्द कर दिया गया है। इससे निर्यातकों को मिलने वाले करोड़ों रुपयों का रिफण्ड अटक गया है। इस स्कीम के तहत जोधपुर के हैण्डीक्राफ्ट निर्यातकों को करीब 3 से 7 प्रतिशत ड्रॉ बैक दिया जा रहा था। जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ने हैण्डीक्राफ्ट निर्यात उद्योग को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय से एमइआइएस स्कीम को 31 मार्च 2021 तक बढाने की मांग की है।

150 करोड़ अटके

एमइआइएस के तहत सरकार ने पहले 31 मार्च 2020 से इस योजना को बन्द करने का निर्णय लिया था। कोरोना के कारण स्कीम को सितम्बर में 31 दिस्मबर तक बढ़ा दिया गया था। जोधपुर के हैण्डीक्राफ्ट निर्यातको के इस स्कीम के तहत 1 अप्रेल 2020 से 31 दिसम्बर 2020 तक करीब 150 करोड़ रुपयों की राशि अटकी पड़ी है ।

नई योजना की रूपरेखा तय नहीं

विदेशी व्यापार नीति 2015-20 के तहत एक अप्रेल 2015 को एमइआइएस स्कीम शुरू की गई थी। 31 दिसम्बर 2020 को यह स्कीम समाप्त हो गई। इस योजना की जगह 1 जनवरी से रेमिशन ऑफ ड्यूटी ओर टेक्स ऑन एक्सपोर्ट प्रोजेक्ट (आरओडीटीइपी) शुरू की है। इस योजना में निर्यातकों को कितना लाभ मिलेगा, अभी इसकी रूपरेखा घोषित नहीं की गई है।

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कोरोना की इस कठिन घड़ी में जोधपुर के निर्यातकों की करीब 150 करोड़ रुपयों की राशि ब्लॉक हो गई है । एमइआइएस स्कीम को बन्द करने से व्यापार पर अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा। हम केन्द्र सरकार से इसे जल्द रिलीज करने का निवेदन कर रहे है।

डॉ भरत दिनेश, अध्यक्ष

जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन

Source: Jodhpur

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