जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय की बुधवार को हुई एकेडमिक काउंसिल (एसी) बैठक हंगामेदार रही। काउंटिंग ऑफ पास सर्विसेज (पदोन्नति में पिछली सेवा जोडऩा) के मुद्दे पर कई शिक्षक आमने-सामने हो गए। शिक्षकों का एक वर्ग विवि में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर बने शिक्षकों की पिछली असमान ग्रेड की सेवाओं को जोडऩे का पक्षधर था। इसमें से कई शिक्षक जेएनवीयू में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने से पहले स्कूल में सैकेण्ड और फस्र्ट ग्रेड टीचर थे। कुछ एकाउंटेंट और डिस्कॉम में जेईएन थे। ये कॅरियर एडवांसमेंट स्कीम (सीएएस) के अंतर्गत पदोन्नति में पुरानी सेवाओं को जोडऩे की मांग कर रहे थे। बैठक में राज्य सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल राजस्थान विवि के प्रो. विनोद शर्मा ने उठकर कहा कि अगर कोई शिक्षक आरएएस बन जाता है तो उसकी सेवाएं थोड़े ही गिनी जाएगी। पदोन्नति में वह शून्य से शुरुआत करेगा। एक घण्टे तक इस मामले में हंगामा चला। शिक्षकों की पुरानी सेवाओं को जोडऩे के विपक्ष में विज्ञान संकाय अधिष्ठाता प्रो. अशोक पुरोहित, एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज अधिष्ठाता प्रो सुनील शर्मा, रसायन विज्ञान के प्रो आरसी मीणा सहित अन्य शिक्षक थे, जबकि हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो नरेंद्र मिश्र, अंग्रेजी के प्रो एससी हरित और प्रो डूंगरसिंह खीची यूजीसी के नियमों का हवाला देते हुए इसका पुरजोर समर्थन कर रहे थे। उधर विवि की ओर से इस मामले में गठित डीन-डायरेक्टर्स की कमेटी ने इस मामले में राज्य सरकार के नियम मानते हुए पिछली सेवाओं को जोडऩे से इनकार कर दिया। यह जरुर कहा कि सलेक्शन कमेटी चाहे तो उसकी पुरानी सेवा के वेतन-भत्तों का लाभ बरकरार रख सकती है। कुलपति प्रो पीसी त्रिवेदी और कमेटी समन्वयक प्रो अशोक पुरोहित के मध्य भी बहस हुई। बैठक में कुलपति नाराज लग रहे थे, बावजूद इसके डीन-डायरेक्टर्स की कमेटी अपने निर्णय पर अडिग रही। पहली बार कुलपति खुद को बैकफुट पर महसूस कर रहे थे। विवि में अगले महीने सीएएस से पदोन्नति होनी है और शिक्षक असमान ग्रेड की अपनी पुरानी सेवाओं को जोडक़र एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर बनने का सपना देख रहे हैं। इसमें अधिकांश शिक्षक विवि की २०१२-१३ की शिक्षक भर्ती के हैं जिनका मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
पैनल ऑफ एक्सपर्ट में मृतक शिक्षक
एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज में दोपहर १२ बजे शुरू हुई एसी बैठक में २६ एजेंडा थे। इसमें पैनल ऑफ एक्सपर्ट पारित करना था। लोक प्रशासन विभाग की सूची में विवि के एक सेवानिवृत्त मृतक शिक्षक को एक्सपर्ट बनाकर एजेंडा आइटम रख दिया गया। इस पर राजनीति विज्ञान के प्रो सोहनलाल मीणा ने एतराज जताया तब मामला ध्यान में आया। आइटम को डिलिट करना पड़ा।
चांदी के मैडल पर सोने का झोळ
सोन के दाम आसमां छूने पर विवि ने सोने के गोल्ड मैडल में दिए जाने वाले सोने की मात्रा को १० ग्राम से घटाकर अधिकतम २ ग्राम करने का निर्णय किया है। साथ ही दानदाताओं की एकमुश्त रकम को ५ लाख से बढ़ाकर १५ लाख की जाएगी ताकि गोल्ड मैडल आसानी से दिया जा सके। दानदाताओं ने २००९ में एफडी करवाई थी तब सोना ११ हजार और एफडी ब्याज करीब दस प्रतिशत था। अब एक तौला सोना करीब ६० हजार और एफडी ब्याज पाच प्रतिशत से नीचे है।
बैठक में एबीवीपी का प्रदर्शन, १० मिनट एसी स्थगित
जेएनवीयू द्वारा गोल्ड मैडल में सोने घटाने पर एबीवीपी ने एसी बैठक में घुसकर विरोध प्रदर्शन किया। कुलपति और छात्रों के मध्य तीखी बहस हो गई। छात्र नेता त्रिवेंद्रपाल सिंह सहित कई छात्र कुलपति के सामने हो गए। बीच बचाव के लिए कई शिक्षक खड़े हुए। इस दौरान दस मिनट तक बैठक स्थगित कर दी गई। शिक्षकों ने छात्रों को समझाया कि वे उनको उल्लेखनीय कार्य करने पर सोना नहीं सम्मान दे रहे हैं।
Source: Jodhpur