भवानीसिंह राठौड़@बाड़मेर.
शहर में शुक्रवार को निर्माण कार्य के दौरान हुए हादसें ने एक श्रमिक की जान ले ली। इससे पहले जसाई में हुए हादसें में एक श्रमिक की मौत हो गई, जबकि एक जना गंभीर घायल हो गया। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी निर्माण कार्यों में श्रमिक सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है।
पत्रिका टीम ने शनिवार को शहर में चल रहे निर्माण कार्यों पर सुरक्षा प्रबंधों को टटोला तो सामने आया कि सब जगह पोल चल रही है। कहीं पर भी श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर कोई पुख्ता प्रबंध नहीं नजर आए। काम चाहे सरकारी हो या निजी, श्रमिक की कहीं पर कोई भी सुरक्षा नहीं है। श्रमिक जान खतरे में डाल कर निर्माण कार्य कर रहे है। साथ ही शहर में जिम्मेदार नगर परिषद भी भवन निर्माण स्वीकृति जारी करने के बाद उसे भूल जाती है।
—
केस.1
शहर में निर्माणाधीन मकान के पास एक जर्जर दीवार ढहने से एक श्रमिक की मौत हो गई, जबकि परिजनों ने थाने में कोई मामला दर्ज नहीं करवाया। ऐसे में यह हादसा महज कागजी हो गया।
केस.2
शहर के निकटवर्ती जसाई गांव में एक माह पूर्व जलदाय विभाग की एसआर होद निर्माण के दौरान आरसीसी टूटने से नीचे दबे एक मजदूर की मौत हो गई। और एक जना गंभीर घायल हो गया।
केस.3
गडरारोड़ थाना क्षेत्र के रोहिड़ाला गांव में ट्यूबेल (बेरी) की सफाई के दौरान उपर का हिस्सा धसने से दो जने दब गए। एक की मौके पर मौत हो गई। दूसरे श्रमिक की उपचार के दौरान मौत हो गई।
—
यह होना चाहिए
– सेफ्टी जूते और दस्तानें उपलब्ध करवाएं
– बिजली कनेक्शन की जांच एईएन स्तर के अधिकारी से हों
– मकान मालिक और ठेकेदार इसकी जिम्मेदारी लें कि लाइट प्रबंध ठीक
– श्रम विभाग जांच करे कि वास्तव में मजदूरी सुरक्षा अपनाया
– मजदूरों का पंजीयन श्रम विभाग से करवाना आवश्यक
—
फैक्ट फाईल
कमठा मजदूर – 6 लाख
पंजीकृत – करीब 2 लाख
आरसीसी काम करने वाले श्रमिक – 20 हजार
—
पंजीकृत श्रमिक के परिवार को मिलते है 9 लाख
– श्रमिक कल्याण बोर्ड की तरफ से 5 लाख
– प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में 2 लाख
– जीवन ज्योति बीमा योजना में 2 लाख
—
– व्यापक प्रबंध किए जाने चाहिए
भवन निर्माणकतार्ओं को श्रमिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए व्यापक प्रबंध किए जाने चाहिए, ताकि इस तरह के हादसों से बचा जा सके। साथ ही ऐसे हादसोंं के बाद पुलिस थाने में मामला दर्ज हो और उसमें कार्यवाही होनी चाहिए। ताकि श्रमिक के परिवार को राहत मिल सकें। – लक्ष्मण बडेरा, अध्यक्ष, कमठा मजदूर यूनियन
दुबई से सीख सकते है
दुबई में भवन निर्माण से पहले चारों तरफ से भूखण्ड को जितनी ऊंचाई का भवन बनना है उतना कवर कर लिया जाता है ताकि आने जाने वाले को नजर भी नहीं आए कि अंदर कोई इमारत बन रही है। सारा सामान-मलबा इसी में रहता है। इमारत निर्माण के दौरान ध्वनि प्रदूषण न हों इसके लिए भी पूरा ध्यान दिया जाता है। मजदूरों की सुरक्षा के पूरे इंतजाम होने के बाद मकान मालिक सुरक्षा के लिए पूरे कर चुकाता है और संबंधित इकाई इसका प्रबंध करती है। मजदूर और मालिक दोनों ही इसके लिए पाबंद होते है। नियम तो यहां भी बने है लेकिन पालना नहीं हो रही है।
Source: Barmer News