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जोधपुर. भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुसार जिले में वनों और वन्यजीवों की सुरक्षा में तैनात वनरक्षकों के पास न्यूनतम ५०० व अधिकतम १००० हजार हेक्टयेर वन क्षेत्र होना चाहिए। लेकिन जोधपुर सहित संभाग के अधिकांश जिलों में वनरक्षकों व क्षेत्रीय वन अधिकारियों के पास औसतन १५०० से २००० हेक्टेयर वन क्षेत्रफल होने के कारण दायित्व का सहीं ढंग से निर्धारण नहीं हो पा रहा है। नतीजन जोधपुर सहित पूरे संभाग में कुल 23 हजार 362 हेक्टेयर भूमि पर अवैध खनन, वन्यजीव शिकार और कब्जे की खेती पनपती जा रही है। वन विभाग के फील्डकर्मी अतिक्रमण, वन्यजीव शिकार एवं खनन की शिकायत मिलने पर प्रभावी कार्रवाई करने से बचते है। इस स्थिति का सीधा फायदा दशकों से वन अपराधी उठा रहे है। फील्ड स्टाफ वनकर्मियों की संख्या लगातार कम होने से वनभूमि में अवैध खनन , वनभूमि पर अतिक्रमण , चराई , छंगाई , वन उपज की चोरी और वन्यजीवों का जीवन भी असुरक्षित होते जा रहा है।

जोधपुर संभाग में ४०३ पद रिक्त
वनविभाग के जोधपुर संभाग में कुल स्वीकृत पद करीब ११०० की तुलना में ४०५ महत्वपूर्ण पद लंबे अर्से से रिक्त पड़े है। यहां तक प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े शहर और खुद मुख्यमंत्री के गृह जिले में जिला वन अधिकारी, क्षेत्रीय वन अधिकारियों और सहायक वन संरक्षकों के पद भी रिक्त पड़े है।

कहां कितने पद रिक्त
कार्यालय का नाम——————– स्वीकृत पद————-कुल रिक्त पद —
मुख्य वन संरक्षक जोधपुर कार्यालय ———५३———————२१-
उपवन संरक्षक जोधपुर मंडल ———–१९५———————-५९–

जोधपुर सहित संभाग के विभिन्न जिलों में वनविभाग के सभी महत्वपूर्ण रिक्तपदों की जानकारी वन मुख्यालय भेजी जा चुकी है। उम्मीद है राज्य सरकार की ओर से रिक्तपदों को भरने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी।
-एसआरवी मूर्ति, मुख्य वन संरक्षक जोधपुर संभाग

Source: Jodhpur

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