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जोधपुर. कोरोना वायरस की मार शरीर में झेल चुके कई मरीजों की हालत अभी तक सही नहीं है। कई डायबिटीज के रोगी बनकर अस्पताल पहुंच रहे हैं तो कई हृदय बीमारी लेकर अस्पताल आ रहे हैं। कइयों के शरीर से खुजली नहीं जा रही है। कई तरह की बीमारियों ने लोगों को घेर रखा है। ऐसे में डॉक्टर्स के लिए इस तरह के मरीजों की सार संभाल करना एक चैलेंज बनता जा रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि एचआइवी भी एक ऐसा ही वायरस है, जिसमें धीरे-धीरे सारे अंगों पर असर आता है, इन मरीजों को बड़ी देखभाल के साथ ट्रीट किया जाता है। इसी तरह अब कोविड से ठीक हो चुके, लेकि न अन्य बीमारियों की जकड़ में आए मरीजों की देखभाल की जा रही है। डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. नवीन किशोरिया ने बताया कि कोविड के बाद मनोचिकित्सक, न्यूरोलॉजिकल, कार्डियक जैसी समस्याएं सामने आ रही है। मरीज छह-छह माह तक परेशान हो रहे है। बॉडी, थकान, हाथ-पांव में दर्द जैसी शिकायतें सामने आ रही है। कई लोग डिप्रेशन में चल रहे है। लोगों को मधुमेह हो चुका है। कोविड के तीन माह बाद हार्ट अटैक आ रहा है। दरअसल, वायरस शरीर में जाकर अन्य बीमारियों शुरू हो जाती है। हृदय की धड़कन बिगड़ रही है और खून गाढ़ा लोगों का पड़ रहा है।

Source: Jodhpur

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