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जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश विजय बिश्नोई ने बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान की उस याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया, जिसमें अभिनेता ने जिला एवं सत्र न्यायालय (जोधपुर जिला) में विचाराधीन तीन अपीलों को स्थानांतरित करते हुए उनकी सुनवाई हाईकोर्ट में लंबित राज्य सरकार की अपील के साथ करने की मांग की है।
सलमान के अधिवक्ता हस्तीमल सारस्वत ने याचिका में बताया कि सलमान व अन्य आरोपियों के खिलाफ 2 अक्टूबर, 1998 को दो काले हिरणों के शिकार का मामला दर्ज किया गया था, जिस पर फैसला सुनाते हुए 5 अप्रैल, 2018 को ट्रायल कोर्ट ने याचिकाकर्ता को पांच साल की सजा सुनाई, जबकि सह आरोपी सैफ अली खान, नीलम, तब्बू, सोनाली बेंद्रे तथा दुष्यंतसिंह को बरी कर दिया। पांच साल की सजा के खिलाफ याचिकाकर्ता ने जिला एवं सत्र न्यायालय (जोधपुर जिला) में अपील दायर की, जिसकी सुनवाई के बाद सत्र न्यायालय ने 7 अप्रैल, 2018 को सजा निलंंबित कर दी थी। इस मामले में सह आरोपियों को बरी करने के खिलाफ शिकार से व्यथित पूनमचंद ने जिला न्यायालय में अपील पेश की थी, जबकि राज्य सरकार ने सह आरोपियों के खिलाफ हाईकोर्ट में लीव टू अपील दायर की, जो कि वर्तमान में विचाराधीन है। राज्य सरकार की एक अन्य अपील सत्र न्यायालय में लंबित है, जो आम्र्स एक्ट प्रकरण में सलमान को बरी करने के खिलाफ पेश की गई थी। सारस्वत ने याचिका में मांग की है कि जिला एवं सत्र न्यायालय में लंबित तीनों अपीलों को हाईकोर्ट में स्थानांतरित करते हुए उनकी सुनवाई विचाराधीन राज्य सरकार की लीव टू अपील के साथ की जाए। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से किसी पक्षकार के प्रति पूर्वााग्रह नहीं रहेगा। याचिका बुधवार को न्यायाधीश विजय बिश्नोई के समक्ष सूचीबद्ध थी, लेकिन उन्होंने सुनवाई से खुद को अलग करते हुए याचिका को अन्य पीठ के समक्ष लगाने के निर्देश दिए।

Source: Jodhpur

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