जोधपुर. बाल कल्याण समिति ने राजस्थान पत्रिका में 4 मार्च को प्रकाशित समाचार ‘तीन वर्षीय बच्चे की पीड़ा : ना मां को देखा और ना उसका प्यार मिलाÓ पर प्रसंज्ञान लेते हुए इस संदर्भ में गैर राजकीय गृह लवकुश नवजीवन संस्थान एवं गुरुकृपा मानसिक विमंदित गृह, जोधपुर को तलब किया है। समिति ने विमंदित महिला एवं उसके शिशु के परिजनों का पता लगाने के लिए किए गए प्रयासों के बारे मे जानकारी ली। अध्यक्ष डॉ. धनपत गुजर ने बताया कि शिशु एवं उसकी विमंदित माता उपखण्ड मजिस्ट्रेट सिरोही के माध्यम से मनोविकार केन्द्र, एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर में भर्ती करवाई गयी थी और वर्तमान में उसका उपचार मथुरादास माथुर अस्पताल एवं पावटा सैटेलाईट अस्पताल के डॉक्टरों की ओर से किया जा रहा है । उसके नवजात शिशु को बाल कल्याण समिति के माध्यम से लवकुश नवजीवन संस्थान में प्रवेशित करवाया गया था। इस संदर्भ में बाल कल्याण समिति सिरोही, पुलिस अधीक्षक सिरोही, उपखण्ड मजिस्ट्रेट सिरोही को पत्र के साथ सम्पूर्ण पत्रावली प्रेषित कर विमंदित महिला के परिजनों की खोज करने को कहा ताकि विमंदित महिला एवं उसके शिशु का पारिवारिक पुनर्वास किया जा सके।
Source: Jodhpur