जोधपुर. विश्वविख्यात उम्मेद भवन पैलेस कुल 26 बीघा भूमि क्षेत्रफल में बना है। इस महल में 3.50 बीघा भूमि में तो महल की चुनाई की गई है । शेष भूमि पर बाग व सड़कें इत्यादि हैं । छीतर भाखरी पथरीली होने से बाग व दूब के स्थान पर तीन – तीन फुट गहरी खुदाई कर उपजाऊ रेत भरी गई । बड़े वृक्षों के स्थान पर यह खुदाई छह फुट तक गहरी की गई । छीतर भाखरी की ऊंचाई शहर से लगभग 150 फुट है और स्वयं पैलेस की ऊंचाई 298 फुट के लगभग है । पूर्वी दिशा की ओर प्रमुख द्वार कांसी का बना हुआ है जो नाप – तौल के बाद खास तौर से इंग्लैण्ड से मंगवाया गया था। अकाल से जूझते तीन हजार मजदूरों के 14 वर्षों के अथक श्रम , सैकड़ों प्रसिद्ध घड़ाईदारों के हाथों के छैनी हथौड़ों की निरंतर उछलकूद , चवांलियों के अथाह पसीने , चेजारों की करणियों की करामात तथा चुनाईदारों की चतुराई का परिणाम है उम्मेद भवन पैलेस । बताया जाता है कि 14 फरवरी 1943 को संपूर्ण होने तक महल के निर्माण पर तीन करोड़ रुपये व्यय हो चुके थे ।
Source: Jodhpur