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बाड़मेर. निकटवर्ती गेहूं गांव के लिए परेशानी का सबब बन चुकी गंदगी से अब चौदह साल बाद राहत मिलेगी। यहां गेहूं गांव में नगर परिषद कोयला क्षेत्र में काम कर रही निजी कंपनी की मदद से ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर प्लांट स्थापित करेगी। इसके लिए जिला प्रशासन के सहयोग से नगर परिषद व एक निजी कंपनी के एमओयू की प्रक्रिया चल रही है। इधर, गेहूं गांव के ग्रामीण गंदगी से आहत होकर 1 अप्रेल से भूख हड़ताल पर बैठने की चेतावनी दे चुके है। ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन व नगर परिषद कचरा निस्तारण केन्द्र को लेकर ठोस कदम उठाने जा रही है।

नगर परिषद ने करीब 12 साल पहले गेहूं गांव में ग्रामीणों को कचरा निस्तारण केन्द्र प्रोजेक्ट स्थापित करने का सपना दिखाया। जिसमें बकायदा शर्त रखी थी कि ट्रीटमेंट प्लांट लगने से ग्रामीणों को रोजगार भी मिलेगा। उस दौरान नगर परिषद ने करीब 50 लाख रुपए खर्च कर कमरे व टिनशेड बनाए गए, लेकिन पूरा प्रोजेक्ट लगाने में नगर परिषद नाकाम साबित हुई। ऐसी स्थिति यह नगर परिषद क्षेत्र का कचरा गेहूं गांव के ग्रामीणों के लिए मुसिबत बन गया। अब नगर परिषद उसी वादे के अनुरूप प्लांट स्थापित करने की योजना लागू कर रही है। यहां नगर परिषद अब दो तरह की मशीनें स्थापित करेगी। इसके अलावा पुराने कचरे को सेग्रीगेशन करेगी। पूरे प्रोजेक्ट पर करीब सवा करोड़ रुपए की लागत आएगी। कचरे से खाद व प्लास्टिक अलग किया जाएगा। इससे नगर परिषद को इनकम भी हो सकेगी।
निजी कंपनी को भेजा पत्र

जिला कलक्टर विश्राम मीणा, विधायक मेवाराम जैन, नगर परिषद सभापति दिलीप माली के साथ कोयला क्षेत्र में काम कर रही निजी कंपनी के अधिकारियों के साथ संयुक्त वार्ता हुई है। जिसमें निजी कंपनी के अधिकारियों ने प्लांट लगवाने के लिए स्वीकृति दी है। उसके बाद नगर परिषद जरुरत के अनुसार एक पत्र तैयार कर भेजा है।

– जल्द प्लांट लगेगा

जिला कलक्टर, विधायक मेवाराम जैन के प्रयासों से कोयला क्षेत्र में काम कर रही जेएसडब्ल्यू व एक अन्य कंपनी के साथ संयुक्त वार्ता हुई है। उसके बाद नगर परिषद ने प्लांट में जरुरत संसाधनों का जिक्र करते हुए एक पत्र भेजा है। जल्द ही मशीनरी खरीद कर प्लांट स्थापित किया जाएगा।- दिलीप माली, सभापति, नगर परिषद, बाड़मेर

Source: Barmer News

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