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जोधपुर. नागौरीगेट के बाहर कागा तीर्थ स्थित शीतला माता मंदिर में कोरोना गाइडलाइन पर श्रद्धालुओं की माता शीतला के प्रति आस्था भारी नजर आई। रविवार अलसुबह 4 बजे से ही शहर के कोने-कोने से श्रद्धालुओं के पहुंचने का क्रम शुरू होकर देर शाम तक अनवरत जारी रहा। दिन भर में करीब 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने मां शीतला के दरबार में पूजन व शीश नवाकर पारिवारिक सदस्यों के व्यवहार में शीतलता एवं शिशुओं को ओरी-अचपड़ा सहित चर्म संबंधी बीमारियों से संरक्षण प्रदान करने की मनौती मांगी। घरों में भी रविवार सुबह शीतला माता, ओरी माता, अचपड़ाजी एवं पंथवारी माता का प्रतीक बनाकर एक दिन पूर्व शनिवार को बने भोजन व पकवानों का भोग लगाकर पूजन किया। शीतलाष्टमी को रसोईघरों सहित सभी प्रमुख मिष्ठान प्रतिष्ठानों में भी अवकाश रखा गया।
नौनिहालों को शीतला माता का चरणामृत पिलाने की होड़

शहर के विभिन्न मोहल्लों-कॉलोनियों से महिलाओं के समूह मंगल गीत गाते हुए कागा स्थित माता शीतला के दरबार पहुंचने शुरू हो गए। नवजात शिशुओं की माताओं में नौनिहालों को शीतला माता के चरणों में लुटाने और चरणामृत ‘खोळÓ पिलाने की होड़ सी रही। मंडोर महामंदिर क्षेत्र से कुल 7 अलग-अलग गेर समूह चंग, ढोल, थाली की धुनों पर नृत्य करते हुए शीतला माता दर्शन के लिए पहुंचे। गेर समूह का शीतला माता (कागा तीर्थ ) ट्रस्ट के अध्यक्ष निर्मल कच्छवाह, सचिव देवेश कच्छवाह, उपाध्यक्ष दिलीप सिंह भाटी, कोषाध्यक्ष दलपतसिंह गहलोत, अजीतसिंह चौहान व मेला अधिकारी कुलदीप गहलोत ने स्वागत किया। दोपहर में तेज धूप होने के बावजूद दर्शनार्थियों में उत्साह नजर आया।

Source: Jodhpur

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