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जोधपुर.
भीलवाड़ा में मादक पदार्थ तस्करों की फायरिंग में दो कांस्टेबल की हत्या के मामले में आखिरकार पुलिस को सफलता मिल गई। राज्य की एटीएस व पुलिस की संयुक्त टीम ने जोधपुर जिले के फलोदी तहसील के खारा गांव स्थित मकान में दबिश देकर मुख्य आरोपी को पकड़ लिया। पांच-छह अन्य व्यक्तियों को भी हिरासत में लिया गया। इस दौरान फायरिंग में आरोपी का हाथ जख्मी हो गया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार गत दस अप्रेल की रात भीलवाड़ा में पुलिस ने तस्करों की तीन-चार कारों को पकडऩे के लिए नाकाबंदी की थी, लेकिन तस्कर अलग-अलग जगहों पर फायरिंग कर भाग गए थे। जिससे कांस्टेबल ऊंकार रायका व पवन चौधरी की मृत्यु हो गई थी। इस मामले में नौ युवकों को नामजद कर राज्य की एसओजी-एटीएस और आठ जिलों की पुलिस तलाश में जुटी थी।
मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर एटीएस के निरीक्षक भूराराम खिलेरी के नेतृत्व में एसटीएस व पुलिस ने रविवार तड़के फलोदी के समीप खारा गांव के मकान में दबिश दी, जहां छुपे बिलाड़ा के समीप मतवालों की ढाणी निवासी सुनील डूडी बिश्नोई को पकड़ लिया। जिसे पूछताछ के लिए गोपनीय स्थान पर ले जाया गया, जहां पुलिस व एसओजी-एटीएस के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं।
हत्या में नामजद अन्य आरोपी नेतराम, रामनिवास, प्रकाश, रामदेव, धवा गांव निवासी राजू फौजी, पाबू गोरछिया, रमेश भाणिया व यशवंत बंटी का अभी तक सुराग नहीं लग पाया।
फायरिंग कर फिर भागने का प्रयास
पुख्ता सूचना के आधार पर एटीएस व पुलिस ने तड़के खारा गांव के मकान में दबिश दी, लेकिन कुछ लोगों ने विरोध किया। वहां छुपकर बैठा सुनील भागने लगा, लेकिन पुलिस ने घेराबंदी कर रखी थी। सुनील ने भागने के लिए फायरिंग भी की। जवाबी फायरिंग में उसके हाथ पर गोली लगने से वह चोटिल हो गया। तब उसे पकड़ लिया गया। उसकी मदद करने में शामिल पांच-छह जनों को भी पकड़ा गया है।

Source: Jodhpur

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