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जोधपुर. होली के दूसरे दिन से चैत्र शुक्ल तीज तक गवर माता पूजन के बाद से पीहर में प्रवास कर रही गवर माता की पुन: ससुराल विदाई जोधपुर में ‘भोळावणीÓ के रूप में सादगी से की गई। मां पार्वती प्रतीक गणगौर माता के पीहर से पुन: ससुराल विदाई करते समय पारम्परिक गीत प्रस्तुत किए गए। हालांकि विभिन्न जगहों पर हुई भोळावणी में अत्यंत सीमित संख्या में तीजणियां शामिल हुई। आडा बाजार कुम्हारिया गणगौर कमेटी के सचिव महेश मंत्री ने बताया ‘भोळावणीÓ को कुम्हारियां कुआं बैजनाथ महादेव मंदिर से गवर माता को कुम्हारियां कुआं पर जल अर्पण के लिए ले जाकर भोळावणी की रस्म सादगीपूर्ण तरीके से पूरी की गई। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण धार्मिक रस्म पूरी करने में नन्दकिशोर फोफलिया, अशोक चांडक, मुकेश भूतड़ा, रमेश फोफलिया व नीरज शाह का सहयोग रहा। होली के दूसरे दिन से गणगौर पूजने वाली तीजणियों ने घुड़ले को आसपास के जलस्रोतों में जलमग्न किया। मंडोर मंडी हनुमान कॉलोनी में दशकों से पूजी जा रही राजपुरोहित की गणगौर पूजन का समापन गवर माता की भोळावणी से किया गया।

Source: Jodhpur

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