बाड़मेर. ब्लड प्रेशर, शुगर और ह्रदय रोग जैसी बीमारियों से ग्रसित कई शिक्षकों को कोरोना वॉरियर्स के रूप में ड्यूटी पर लगाया हुआ है। पचपन से अधिक की उम्र होने पर भी गलियों व मोहल्लों में लोगों से जनसम्पर्क कर रहे हैं जिससे संक्रमण का खतरा सता रहा है। वहीं, कई कोरोना पॉजिटिव भी ड्यूटी दे रहे हैं। इनकी ड्यूटी होने से परिजन की चिंता बढ़ रही है, विशेषकर बढ़ते कोरोना केस के बाद शहर में तो लोग अधिक चिंतित है। जिले में बढ़ते कोरोना केस के बाद आमजन को जागरूक करने के लिए प्रशासन ने सर्वे टीमों व निगरानी कमेटियों क गठन किया है। इसमें आंगनबाड़ी स्टाफ के साथ शिक्षकों को भी लगाया है। ड़यूटी लगाते वक्त एेसे लोगों का भी चयन हो गया है जो पचपन साल से अधिक उम्र के है। इनमें से अधिकांश विभिन्न बीमारियों से ग्रसित है जिसमें बीपी व शुगर मुख्य है। सुबह-शाम घर-घर पैदल जाकर जनता को जागरूक करने की ड्यूटी होने पर गर्मी में पैदल चलना पड़ रहा है जो इनकी सेहत पर भारी पड़ रहा है। बीपी, शुगर बढऩे की चिंता रहती है। पॉजिटिव को भी दे दी ड्यूटी- पिछली बार जो कर्मचारी कोरोना की चपेट में आए थे, उनको भी अब ड्यूटी पर लगा दिया है। इनको ना तो सरकार ने सुरक्षा को लेकर सेनेटाइजर दिया है और न ही मास्क, दस्ताने आदि, एेसे में इनके दुबारा संक्रमित होने का डर सता रहा है।
पूर्व में संक्रमित होने से इनका इम्यूनिटी पॉवर कम ही है, एेसे में इस बार अधिक खतरनाक कोरोना की दूसरी लहर में इनकी ड्यूटी सबके लिए चिंता का कारण है। परिवार वाले चिंतित, खुद परेशान- कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच जैसे ही कोरोना वॉरियर्स ड्यूटी पर जाते हैं, उनके परिजन चिंतित हो जाते हैं।
स्थिति यह है कि छींक भी आ जाए तो परिजन के चेहरों पर चिंता की लकीरें उबर आती है। वहीं, खुद भी परेशान है कि इस उम्र में पैदल चलना वह भी गर्मी में। ऊपर से कोरोना के डर से कहीं पानी तक नहीं पी सकते। एेसे में उनके लिए यह ड्यूटी परेशानी का कारण बनी हुई है।
मिलनी चाहिए छूट- पचपन से अधिक उम्र के कार्मिकों को ड्यूटी पर नहीं लगाना चाहिए। वैसे भी अब युवा कार्मिक काफी तादाद में है इसलिए पचपन से अधिक के कर्मचारियों की जगह उनको लगाया जाए। क्योंकि बड़ी उम्र के लोगों में अमूमन बीपी, शुगर की शिकायत होती है जो गर्मी में खतरनाक हो सकती है।- घमंडाराम कड़वासरा,शिक्षक नेता राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ
Source: Barmer News