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बाड़मेर.
कोरोना महामारी के इस विकट समय में अस्पतालों में ऑक्सीजन के लिए मरीज तडप रहे है, ऐसी स्थिति में जब ऑक्सीजन सप्लाई प्लांट पर लिक्विड ऑक्सीजन से भरे टैंकर को खाली करने के दौरान अवरोध पैदा हो गया और दूर तक कोई समाधान नजर नहीं आ रहा था। ऐसी स्थिति में बाड़मेर परिवहन विभाग के इंस्पेक्टर ने तत्काल एक मिस्त्री से संपर्क किया और खुद वाहन में जान जोखिम में डालकर 105 किमी का सफर तय कर महज 45 मिनट में पचपदरा स्थित प्लांट पहुंचे और मिस्त्री की मदद से देशी जुगाड़ कर लिक्विड ऑक्सीजन से भरा टैंकर खाली करवाया। इस दौरान राजस्व मंत्री हरीश चौधरी भी करीब दो घण्टे तक गर्मी में कार्मिकों का हौसला अफजाई करते रहे।

दरअसल, पचपदरा के ऑक्सीजन प्लांट पर पहुंचे लिक्विड ऑक्सीजन टैंकर मेे से एम.एस.पाईप कहीं गिर जाने से प्लांट के क्रायोजैनिक स्टोरेज टैंक में लिक्विड आपूर्ति में अवरोध पैदा हो गया। इस पर राजस्व मंत्री चौधरी ने वहां पहुंचे और परिवहन विभाग के अधिकारी को तुरंत प्रभाव से मौके पर तकनीकी मिस्त्री के साथ पहुंचने के निर्देश दिए। बाड़मेर परिवहन विभाग के अधिकारी सोहनलाल तकनीकी मिस्त्री रमजान भाई के साथ प्लांट पर पहुंचे। मिस्त्री रमजान भाई ने देशी जुगाड़ से टैंकर खाली करवाया।

वेल्डिंग कर बनाया जुगाड़
यूपी के खुशीनगर निवासी मिस्त्री रमजान बताते है कि सुबह जैसे ही उठा तो कॉल से जानकारी मिली कि ऑक्सीजन से भरा टैंकर पचपदरा प्लांट पर खड़ा है और खाली करने में परेशानी आ रही है, बताई जानकारी के अनुसार मैं तत्काल वर्क शॉप पहुंचा और मुझे पता था कि ऑक्सीजन के सहारे लोगों की जान बच रही है। बिना खाना खाए तत्काल वेल्डिंग मशीन के जरिए संसाधन तैयार किए और साहब के साथ गाड़ी में बैठकर पचपदरा पहुंचा, लेकिन वहां भी परेशानी आ गई। तत्परता दिखाते हुए वेल्डिंग मशीन से पाईप काटा और करीब तीन घण्टों की मेहनत से लिक्विड ऑक्सीजन खाली करवाया।

राजस्व मंत्री किया हौसला अफजाई
राजस्व मंत्री चौधरी ने रमजान की सूझबूझ, अनुभव एवं काबिलियत की तारीफ तथा चुस्ती के साथ कायज़् करने के लिए परिवहन विभाग एवं निरीक्षक सोहनलाल, प्लांट के तकनीकी सहायक सोनू तथा गौतम सहित प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वालों का आभार जताया।

– 45 मिनट में पहुंचे पचपदरा
सुबह जानकारी मिली कि लिक्विड ऑक्सीजन से भरा टैंकर खाली नहीं हो रहा है, क्योंकि एम.एस.पाईप रास्ते में खो गई थी। इसके बाद तत्काल स्थानीय मिस्त्री से संपर्क किया और उसने संसाधन तैयार किए। हम गाड़ी में सवार होकर जान की परवाह किए महज 45 मिनट में करीब 105 किमी का सफर तक पचपदरा पहुंचे। – सोहनलाल, इंस्पेक्टर, जिला परिवहन विभाग, बाड़मेर

Source: Barmer News

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