जोधपुर. कोरोना की दूसरी खतरनाक लहर में ज्ञात-अज्ञात दिवंगत आत्माओं की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित होकर मोक्ष का इतजार है। सनातन धर्म में अस्थि विसर्जन क्रिया के बाद ही अंतिम संस्कार को पूर्ण माना जाता है लेकिन मौजूदा लॉकडाउन की स्थितियों में यह संस्कार पूरा नहीं हो पा रहा है। हिंदू मान्यता के अनुसार अस्थि कलश को घर में भी नहीं रखा जा सकता ऐसे में जोधपुर के विभिन्न समाजों की ओर से श्मशान घाटों में ही अस्थि बैंक की अस्थाई व्यवस्था शुरू की गई है।
लॉक डाउन की अवधि समाप्ति के बाद में संग्रहित सभी अस्थि कलशों को परिजनों अथवा परिजनों के नहीं ले जा सकने की स्थिति में पूरी धार्मिक विधि के अनुसार गंगा में विसर्जन की व्यवस्था की जाएगी। लॉक डाउन की अवधि में विभिन्न समाजों के स्वर्गाश्रमों में करीब 1000 से अधिक अस्थि कलश सुरक्षित रखे गए हैं। लॉक डाउन खुलने के बाद परिजन अपने दिवंगत अपनों की अंतिम इच्छा पूरी कर सकेंगे। विभिन्न समाजों की इस अनूठी सेवा को पूरी तरह से निशुल्क रखा गया है। लॉकडाउन में दिवंगत लोगों की अस्थियां लॉकर में सुरक्षित सर्वब्राह्मण समाज के नवीन पुरोहित ने बताया कि लॉकडाउन में दिवंगत पवित्र आत्माओं के गंगा मिलन के लिए अस्थि बैंक बनाकर सुरक्षित लॉकर व्यवस्था की गई है।
अनुकूल समय पर दिवंगतों के परिजन अपनी सुविधा अनुसार गंगा में विसर्जन के लिए अस्थियां ले जा सकेंगे। ओसवाल जैन स्वर्गाश्रम में नि:शुल्क सेवाएं देने वाले मुकेश गोदावत ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर से पूर्व 12 मार्च को 180 पवित्र आत्माओं की अस्थियों का सामूहिक रूप से हरिद्वार गंगा में विसर्जन किया गया था। दूसरी लहर थमने के बाद यही प्रक्रिया दोहराई जाएगी। हिन्दू सेवा मंडल के विष्णु प्रजापत ने बताया कि कोरोनाकाल में ज्ञात अज्ञात दिवंगत लोगों का अंतिम संस्कार किया गया जिनमें अज्ञात लोगों की अस्थियां मंडल पदाधिकारियों की ओर से गंगा में विसर्जित की जाएगी। अग्रवाल समाज के श्मशान की व्यवस्था देखने वाले शिवप्रकाश कंदोई ने बताया कि कोरोनाकाल में दाह संस्कार के बाद दिवंगत लोगों की अस्थियों को पूरी तरह सुरक्षित रखा गया है। यदि दिवंगत का कोई परिजन किसी कारणवश अस्थियां नहीं ले जा पाता है तो समाज के लोगों की ओर से ही पूरे विधि विधान से अस्थियों को गंगा में विसर्जित किया जाएगा।
श्मशानों में कहां कितने अस्थि कलश
हिन्दू सेवा मंडल —300
सिंधी समाज श्मशान–175
सर्व ब्राह्मण समाज–125
ओसवाल जैन स्वर्गाश्रम —-70
अग्रवाल समाज श्मशान —71
कुम्हार समाज श्मशान——60
Source: Jodhpur