NAND KISHORE SARASWAT
जोधपुर शहर के माता के थान क्षेत्र की पहाडिय़ों को सुभाष गहलोत ने अपनी 15 वर्षो की दिन रात कड़ी मेहनत से एक सघन वन में परिवर्तित किया जो अब सावित्री बाई फुले पार्क बन चुका है। इस पार्क में पक्षियों को वर्ष पर्यन्त भोजन के लिए फलदार पेड़ों को विकसित किया गया है । जिसमे आम -590, जामुन -300, चीकू -100,अमरूद -100, पिलखन-100 ,शहतूत-80 , गूलर-150,गूंदा-50,नीम -500, इमली,अंगूर,हरसिंगार, सेमल ,बिल्वपत्र,अमलतास,अंजीर व अर्जुन जैसे कई सैकड़ो औषधीय पौधे व छायादार पीपल, बड़, नीम के पेड़ शामिल है । कोरोनाकाल में 1500 आम के पौधे तैयार किए दिए साथ ही इस पार्क में 2.5 किमी लंबा पहाडिय़ों के बीच मे वॉकिंग ट्रैक , खेल का मैदान,सनसेट पॉइंट है जो यहां नियमित भ्रमण के लिए आने वाले लोगो के आकर्षण का केंद्र है । राजस्थान पत्रिका के हरयाळो राजस्थान से प्रेरणा लेकर सुभाष हर वर्ष हजारों पौधे लगाते है और उनकी नियमित देखभाल करते है। पार्क विभिन्न पक्षियों का आशियाना बनने के बाद कलरव गूंजता रहता है। सुभाष ने क्षेत्र के प्रमुख मार्ग, श्मशान, स्टेडियम को गोद लेकर पौधरोपण की मुहिम जारी रखे है। कोरोनाकाल में उद्यान का प्राकृतिक ऑक्सीजन केन्द्र हजारों लोगों को स्वास्थ्य लाभ देने में सहायक बना है।
Source: Jodhpur