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बाड़मेर. महामारी घोषित होने के बाद भी संलग्न चिकित्सा समूह के जिला अस्पताल में ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) जांच की कोई सुविधा नहीं है। यहां आने वाले मरीजों को जांच के अभाव में मजूबरी में निजी अस्पताल जाना पड़ता है।
पोस्ट कोविड संक्रमितों में म्यूकर के केस सामने लगातार आ रहे हैं। जल्द जांच नहीं होने के अभाव में यह काफी खतरनाक हो जाती है और जानलेवा साबित हो रही है। लेकिन जिला अस्पताल में इसके जांच की सुविधा नहीं मिलना चिकित्सा सुविधाओं पर सवालिया निशान लगाता है।
ईएनटी विभाग में नहीं उपकरण
जिला अस्पताल के ईएनटी विभाग में जांच के लिए पर्याप्त उपकरण नहीं है। ऐसे में संदिग्ध मरीज में म्यूकर की आशंका की कोई जांच नहीं हो पाती है। विशेषज्ञों के अनुसार एंडोस्कोपी से इसकी जांच करने के बाद कन्फर्म किया जा सकता है। लेकिन अस्पताल में यह उपकरण उपलब्ध नहीं है।
निजी में मिल चुके म्यूकर के कई मरीज
बाड़मेर और बालोतरा शहर में इएनटी अस्पतालों में म्यूकर माइकोसिस की जांच की जा रही है। जहां पर काफी संख्या में संदिग्ध रोगी जांच के बाद कन्फर्म केस होने पर उन्हें हायर सेंटर रैफर किया गया है। जहां दो-तीन केस ऐसे भी हैं, जिनका ऑपरेशन भी हुआ है।
मेडिकल कॉलेज होने के बावजूद नहीं सुविधा
जिला अस्पताल मेडिकल कॉलेज से जुड़ा होने के बावजूद महामारी की जांच की सुविधा नहीं होना मरीजों पर भारी पड़ रहा है। निजी में फीस देकर जांच करवाना कई मरीजों के लिए मुश्किल हो जाता है। लेेकिन सरकारी में जांच की सुविधा नहीं होने से मजबूरी में मरीज को निजी में ही जाना पड़ रहा है।
एंडोस्कॉपी मंगवाई गई है
अभी अस्पताल म्यूकर माइकोसिस को डायग्नोस करने की स्थिति में नहीं है। जांच के लिए एंडोस्कोपी मंगवाई गई है। म्यूकर के संदिग्ध मामले आते हैं तो उन्हें रैफर किया जाता है।
डॉ. बीएल मंसूरिया, पीएमओ बाड़मेर

Source: Barmer News

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