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जोधपुर. भारत-पाकिस्तान 1971 युद्ध में भारत की विजय के 50 साल पूरे होने के मौके पर दिल्ली से रवाना हुई स्वर्णिम विजय मशाल शुक्रवार को जैसलमेर पहुंच गई। जैसलमेर युद्ध संग्रहालय में बैटल एक्स डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) मेजर जनरल अजीत सिंह गहलोत ने मशाल रिसीव की। इस मौके जोधपुर के शेरगढ़ निवासी बीएसएफ जवान भैरो सिंह राठौड़ समेत कई युद्ध सेनानियों का सम्मान किया गया।

मशाल शनिवार को लोंगेवाला पहुंचेगी। लोंगोवाला में युद्ध के दौरान मेजर स्वर्गीय कुलदीप सिंह चांदपुरी की 120 सैनिकों की कंपनी ने पाकिस्तान की २५०० सैनिकों की ब्रिगेड को भारतीय वायुसेना की मदद से धूल चटा दी थी। लड़ाई के बाद चांदपुरी को भारतीय सेना का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पदक महावीर चक्र प्रदान किया गया। लोंगेवाला में चांदपुरी की पत्नी सुरेंद्र कौर चांदपुरी मशाल को रिसीव करेगी। कोणार्क कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल पीएस मन्हास भी कार्यक्रम में शामिल होंगे। विजय मशाल जैसलमेर के अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों और रेजिमेंट भी जाएगी, जहां पूर्व सैनिकों और वीर नारियों का सम्मान किया जाएगा।

गौरतलब है कि लोंगेवाला की प्रसिद्ध लड़ाई पर 1997 में जेपी दत्ता ने फिल्म बॉर्डर बनाई थी। इसमें सनी देओल ने चांदपुरी का किरदार निभाया था। सुनील शेट्टी ने बीएसएफ जवान भैरोसिंह राठौड़ की भूमिका अदा की थी।

भाटी के गांव पहुंची मशाल
इससे पहले विजय मशाल गुरुवार को शेरगढ़ के गड़ा गांव स्थित महावीर चक्र विजेता बिग्रेडियर उदय सिंह भाटी के घर पहुंची। भाटी ने भी 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान के दांत खट्टे कर दिए थे। यहां आयोजित कार्यक्रम में लेफ्टिनेंट जनरल मन्हास के अलावा उनकी पत्नी आवा की जोनल अध्यक्ष अरुणा मन्हास भी शामिल हुई। अरुणा ने यहां वीर सैनिकों को सम्मानित किया।

Source: Jodhpur

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