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जोधपुर। कोरोना अभी गया नहीं, सिर्फ कम हुआ है। पीएम से लेकर सीएम और सभी प्रमुख लोग बार-बार यह बात दोहरा रहे हैं। लेकिन छूट का दायरा बढऩे से जनता के व्यवहार में कुछ शिथिलता जरूर आई है। अब बंदिशों के नाम पर सिर्फ रात्रिकालीन ६ घंटे का कफ्र्यू रह गया है। इसी कारण ‘कोविड एप्रोपिएट बिहेवियर’ की धज्जियां उड़ती साफ दिख सकती है। कुछ लापरवाही प्रशासन के स्तर पर भी है। व्यापार चलाने की चार घंटे की अतिरिक्त छूट वैक्सीनेशन की शर्त पर दी गई है। लेकिन धरातल पर इसकी सत्यता जांचने वाला भी कोई नहीं है।

पर्यटन स्थलों पर भीड़
रविवार का दिन गर्मी से परेशान करने वाला था। लेकिन संडे कफ्र्यू हटते ही लोग नियमों की पालना तक भूल गए। कायलाना, मंडोर सहित अन्य प्रमुख स्थलों पर भीड़ उमड़ी। पर्यटन को बढ़ावा मिले तब तक तो ठीक है, लेकिन मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी गुल रही।

बाजार में लापरवाही

बाजार में भी इसी प्रकार की लापरवाही साफ देखी जा सकती है। मास्क के बिना लोग खरीदार और व्यापारी दोनों नजर आ रहे हैं। सेनेटाइजर और अन्य जरूरी सावधानियां तो देखने को नहीं मिलती। यही स्थितियां रही तो आने वाले समय में हालात बिगडऩे में समय नहीं लगेगा।

वैक्सीनेशन ही नहीं
आंकड़ों की बात करें तो जोधपुर जिले में युवाओं का अब तक महज २५ प्रतिशत ही वैक्सीनेशन हुआ है। शहर में यह औसतन ४० प्रतिशत है। एेसे में बाजार में जिन व्यापारिक प्रतिष्ठानों को रात ८ बजे तक खोलने की अनुमति है वहां सभी का वैक्सीनेशन हो रखा है या नहीं यह जांच भी नहीं हो रही।

फैक्ट फाइल

– ६० दिन तक दूसरी लहर रही मारक
– ६६ हजार से ज्यादा संक्रमित

– ११३३ मौतें हुई
– ४० दिन से कुछ हालात सामान्य होने लगे हैं

(अप्रेल-माह के संक्रमित-मौतों के आकड़े )

पत्रिका अपील :: खौफ नहीं, मगर सावधानी जरूरी
लॉकडाउन से थम चुकी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए व्यापारिक गतिविधियां जरूरी है। इसमें खौफ बिल्कुल भी न हो, लेकिन सावधानी भी जरूरी है। जिस ‘कोविड एप्रोपिएट बिहेवियर’ के बारे में बार-बार बताया जा रहा है, कम से कम उनका तो पालन होना ही चाहिए। विशेषज्ञों के मुताबिक तीसरी लहर की आशंका है, यदि जोधपुर में इसकी आहट होती है तो वर्तमान हालात देखते हुए दूसरी लहर की ही तरह तीसरी लहर भी तेजी से फैलेगी और मारक हो सकती है।

Source: Jodhpur

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