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जोधपुर।
फलों का राजा आम है, जिसे आमजन बड़े शौक से खाता है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि हर रोज करीब 7-8 ट्रक आम हम खा जाते हैं। पश्चिमी राजस्थान और विशेषकर मारवाड़ में इन दिनों लंगड़ा, चौसा व दशहरी किस्म को विशेष रूप से पसंद किया जा रहा है। इनके अलावा जोधपुर में तोतापुरी, सुन्दरी, कोकीन, नीलम, चिरगुरस, फजली आदि आमों की विभिन्न किस्मों की भी अच्छी बिक्री होती है।
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हाफुस से सीजन शुरू तो दशहरी से खत्म
शहर में आम की सीजन कर्नाटक व महाराष्ट्र के हाफुस आम से होती है, जो फरवरी से 15 मई तक चलती है। 15 मार्च से 15 जुलाई तक विजयवाड़ा, हैदराबाद के बादाम आम चलता है। 5 मई से 31 जुलाई तक गुजरात के लंगडा व केशर की किस्मों के आम की सीजन होती है। 20-25 जून से उत्तर प्रदेश के लंगड़ा व दशहरी आमों की आवक शुरू हो जाती है, जो सीजन समाप्त होने तक अर्थात अगस्त तक चलती है। शेष किस्मों की बिक्री भी साथ-साथ होती रहती है।
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120-150 टन आम की आवक
शहर में आम की सीजन 15 फरवरी से अगस्त तक चलती है। मुख्यत आन्ध्र प्रदेश,कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात व उत्तर प्रदेश से आते है। 10-15 टन की करीब 8 ट्रकें रोज आती है। एक ट्रक में करीब 15 टन आम आते है, इस हिसाब से करीब 120-150 टन आम प्रतिदिन आ रहे है।
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पूरे संभाग की आपूर्ति जोधपुर से
शहर मे आने वाले आम केवल जोधपुर शहर ही नहीं बल्कि जोधपुर पूरे संभाग के जिलों की भी आपूर्ति करते है। जिनमें बाडमेर, जैसलमेर, पाली, पोकरण, बिलाड़ा, जैतारण, फलोदी, सुमेरपुर आदि स्थानों पर जोधपुर भदवासिया स्थित फल मंडी से सप्लाई होती है।
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फसल व आवक अच्छी इस बार आम की फसल अच्छी हुई है और आवक भी उसी अनुरूप में हो रही है। हमारे यहां पर अभी आन्ध्रा, कर्नाटक, महाराष्ट्र व गुजरात के आम आ रहे है। प्रतिदिन 7-8 ट्रक आ रहे है। उत्तर प्रदेश में भी अच्छी फसल हुई है, जिसकी आवक अगस्त तक चलेगी बाद होगी।
दयालदास हरवानी, अध्यक्ष
जोधपुर फल, आलू, प्याज थोक विक्रेता संघ

Source: Jodhpur

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