फलोदी (जोधपुर). उत्तर काशी के नाम से विख्यात फलोदी नगरी में श्रावण मास लगते ही यहां के पौराणिक मंदिरों के भगवान रुद्र की आराधना का दौर शुरु हो गया है। ऐसे में आज हम आपको फलोदी की त्रिवाड़ी जोशियों की बगीची में विराजित नर्बदेश्वर महादेव की जानकारी साझा करेंगे।
यहां के मंदिर व्यवस्थापकों के अनुसार नर्बदेश्वर महादेव की महिला अनूठी है और यहां के चमत्कार भी निराले है, तभी तो यहां हर दिन सौ से दो सौ श्रद्धालु आशुतोष भगवान शंकर की आराधना करने आते है।
मंदिर में प्रत्येक सोमवार को श्रद्धालु रुद्राभिषेक करते है और अपनी मनोकामना भी पूरी करते है। यहां विराजित शिवलिंग चेतन होने से इस मंदिर में यूं तो हर दिन भक्तों का तांता लगता है, लेकिन श्रावण मास में भक्तजन भगवान शिवशंकर की विशेष पूजा अर्चना कर जल, दुग्ध, घी, शर्करा, गन्ना, शहद, दही आदि से अभिषेक करते है।
इन दिनों मंदिर में विभिन्न श्रद्धालुओं की ओर से रुद्राभिषेक करवा कर शिव आराधना की जाती है। शहर के सर्वाधिक पौराणिक शिवलिंगों में से एक होने से भगवान शंकर के प्रति यहां के श्रद्धालुओं की खास आस्था है।
इसलिए है खास महत्व
श्रावण मास में शिवलिंग पर बारिश के पानी से ही अभिषेक किया जाता है। मान्यता है कि नर्बदेश्वर महादेव मंदिर में श्रावण मास में अभिषेक किया जाए तो भोलेशंकर जल्दी प्रसन्न होते है और मनोवांछित फल पूरे करते है।
इस मंदिर में संतान प्राप्ति व विवाह व वैवाहिक जीवन में आ रही अड़चनें शिव अभिषेक करने से दूर हो जाती है। इसके अलावा जीवन के कष्ट भी शिव शंकर हर लेते है। इसी मान्यता के चलते यहां श्रद्धालुओं की आस्था अधिक है और प्रत्येक श्रावण मास में विशेष पूजा अर्चना व रुद्राभिषेक के कार्यक्रम होते हैं।
Source: Jodhpur