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बाड़मेर. सरकारी प्रोत्साहन राशि (छात्रवृत्ति ) में बड़ी कक्षाओं के विद्यार्थियों को कम फायदा मिल रहा है जबकि छोटी कक्षाओं में छात्रवृत्ति ज्यादा है। ग्यारहवीं-बारहवीं में संकाय शुरू होने पर पढ़ाई पर खर्चा भी ज्यादा हो रहा है बावजूद इसके छात्रवृत्ति कम मिल रही है।

अब समान छात्रवृत्ति की मांग हो रही है। गौरतलब है कि प्रदेश के माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को विभिन्न कक्षाओं में छात्रवृत्ति मिलती है जिसमें उच्च कक्षाओं में कम राशि मिल रही है। सरकार की ओर से शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न वर्गों के लिए हर साल छात्रवृत्ति दी जाती है। इसके पीछे सरकार की मंशा शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ ही आर्थिक स्थिति के चलते विद्यार्थियों को ड्राप आउट नहीं हो है।

हर साल मिलने वाली छात्रवृत्ति में जहां ११वीं व १२वीं के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति कम मिल रही है तो नवीं व दसवीं के विद्यार्थियों को ज्यादा। हर साल पांच सौ रुपए का यह अंतर है। एेसे में विद्यार्थी समान छात्रवृत्ति की मांग कर रहे हैं।

यह है स्थिति- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सफाई व अन्य जोखिम कार्य से जुड़े परिवार जिनकी वार्षिक आय ढाई लाख से कम है के विद्यार्थियों को पूर्व छात्रवृत्ति के तहत नवीं-दसवीं में तीन हजार रुपए की छात्रवृत्ति मिलती है। वहीं अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को ग्यारहवीं-बारहवीं में उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति के तहत पच्चीस सौ, अनुसूचित जनजाति व पिछड़ा वर्ग के छात्रों को तेईस सौ तथा अन्य पिछड़ी जाति के विद्यार्थियों को सौलह सौ रुपए मिलते हैं। इसमें आय सीमा अन्य पिछड़ा वर्ग के परिवार की आय सीमा डेढ़ लाख व अन्य वर्ग में ढाई लाख सालाना से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। ज्यादा खर्चा, छात्रवृत्ति कम- विद्यार्थियों के अनुसार नवीं-दसवीं की अपेक्षा ग्यारहवीं-बारहवीं में पढ़ाई पर खर्चा ज्यादा होता है। विशेषकर विज्ञान संकाय लेने वाले विद्यार्थियों को किताबों के साथ प्रायोगिक परीक्षा को लेकर भी विभिन्न सामग्री की जरूरत रहती है। बावजूद इसके उनको कम छात्रवृत्ति मिल रही है।

बड़ी कक्षाओं में मिले ज्यादा छात्रवृत्ति- बड़ी कक्षाओं ग्यारहवीं व बारहवीं में पढ़ाई पर खर्चा ज्यादा होता है इसलिए इन कक्षाओं के विद्यार्थियों को ज्यादा छात्रवृत्ति मिलनी चाहिए। एेसा नहीं हो तो कम से कम नवीं-दसवीं के समान छात्रवृत्ति तो होनी ही चाहिए।- भोमाराम गोयल, वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत

सरकार के स्तर का मामला– छात्रवृत्ति की राशि सरकार की ओर से तय होती है। हम तो नियमानुसार जो छात्रवृत्ति बनती है उसको समय पर देने का प्रयास करते हैं।- जेतमालसिंह राठौड़, एडीईओ माध्यमिक शिक्षा बाड़मेर

Source: Barmer News

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