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जोधपुर। राज्य सरकार ने राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद 341 चिकित्सकों के स्थानांतरण कर दिए। एक याचिकाकर्ता तबादले के खिलाफ कोर्ट पहुंचा तो मामला सामने आया। एकल पीठ ने याचिकाकर्ता के स्थानांतरण पर रोक लगा दी है।

न्यायाधीश दिनेश मेहता की एकलपीठ में याचिकाकर्ता मनीष कुमार की ओर से अधिवक्ता सुरेंद्र थानवी ने कहा कि चिकित्सा विभाग के उप सचिव ने याची का तबादला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आकोली से आहोर कर दिया है। जबकि हाल ही कृष्णा देवी एवं अन्य की ओर से दायर याचिकाएं स्वीकार करते हुए एकल पीठ ने कहा था कि जिन कार्मिकों कि सेवाएं राजस्थान पंचायती राज विभाग के अधीन 2011 के नियमों से स्थानांतरित की गई थी, उनके स्थानांतरण के अधिकार पंचायत समिति, जिला परिषद के अधीन रहेंगे। ऐसे में जिले के अंतर्गत स्थानांतरण के अधिकार संबंधित पंचायत समिति और जिला परिषद में निहित हो गए। जिले से बाहर स्थानांतरण के अधिकार पंचायती राज विभाग की सहमति से ही किए जाने के प्रावधान किए गए।। इसके बावजूद चिकित्सा विभाग ने स्थानांतरण कर दिए, जो विधि विरुद्ध है।
हाईकोर्ट ने यह प्रतिपादित किया कि नियमानुसार पंचायती राज विभाग में स्थानांतरित कार्मिकों के स्थानांतरण केवल पंचायत राज विभाग की संस्थाएं यथा पंचायत समिति और जिला परिषद ही कर सकती हैं। चिकित्सा विभाग जिले से बाहर स्थानांतरण पंचायत राज विभाग की सहमति से ही कर सकता है। कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए याचिकाकर्ता के तबादले पर रोक लगा दी है।

Source: Jodhpur

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