बाड़मेर.जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ चातुर्मास समिति की ओर से साध्वी मृगावतीश्री आदि ठाणा की निश्रा में जिनकांतिसागर सूरि आराधना भवन में बालोद छत्तीसगढ़ निवासी मुमुक्षु लब्धि संखलेचा का सम्मान किया गया।
धर्मसभा को संबोधित करते हुए साध्वी मृगावतीश्री ने कहा कि जिसके राग-द्वेष घट गए उसके कर्मबंधन कम होते हैं।
संयम जीवन स्वीकारने का जिसने निश्चय किया होता है उसको भला संसार का कैसा आकर्षण? उसे तो बस वीतराग प्रभु का विरती मार्ग का आकर्षण होता है। संयम मार्ग पर आने का मूल ध्येय यही है कि कर्मों से हल्का होना। राग-द्वेष घटे तो कर्म हटे, राग-द्वेष बढ़े तो कर्म बढ़े। मुमुक्षु लब्धि संखलेचा ने सकहा कि सामग्री, संबंधों, इन्द्रियजन्य सुखों व बाह्य संसार त्याग करने जा रही हूं पर आसक्ति, राग-द्वेष, विषय-कषाय के अभ्यांतर सुख को तिलांजलि दिए बिना बाह्य संसार को छोडऩे से क्या मिलेगा।
उन्होंने कहा कि 2 दिसम्बर को छतीसगढ़ की बालोद नगरी में भगवती दीक्षा होगी। मुमुक्षु लब्धि साध्वी स्नेहयशाश्री से दीक्षा प्राप्त करेगी। चन्द्रप्रकाश छाजेड़ ने भी विचार व्यक्त किए।१
Source: Barmer News