बाड़मेर.
पाकिस्तानी किशोर भागचंद की रिहाई के साथ ही बाड़मेर के कुम्हारों का टिब्बा निवासी गेमराराम की रिहाई को लेकर मांग जोर पकडऩे लग गई है। 5 नवंबर 2020 को बदहवाशी में पाकिस्तान गया गेमराराम हैदराबाद की जेल में बंद है। उसकी वतन वापसी को लेकर भारत सरकार की ओर से पाकिस्तान को कई बार पत्र व्यवहार किया गया है लेकिन पाकिस्तान की ओर से संतोषपरक जवाब नहीं आया है। गेमराराम के बाद में भागचंद की पैरवी हुई और उसको 28 अगस्त को पाक भेजा जा रहा है। दीगर है कि भागचंद की सजा पूरी हो चुकी है और गेमराराम अभी जेल में है।
पत्रिका ने भागचंद की रिहाई बाद गेमराराम के परिवार से बात की तो उनके आंसू छलक पड़े। मां ने रोते हुए कहा कि राखी चली गई….बहिनें इंतजार करती रही। वो कैसा है,कहां है..कोई पता नहीं है। पाकिस्तान में है…यह बताया है। अब इंतजार नहीं होता…दिवाली तक उसको ले आओ..। गेमराराम के घर में जब से वो गया है,दु:ख पसरा है। हर दिन परिवार के सदस्य इंतजार करते है कि गेमराराम जल्दी लौटेगा। आने वाले उन्हें आश्वस्त कर रहे है लेकिन मां कहती है, हूं तो मोहंडो देखो जद जाणों म्हारो दिकरो आयो है…(मैं तो चेहरा देखू उस दिन समझूंगी कि मेरा बेटा आया है)….कहते-कहते उसके आंसू बह निकलते है। घूंघट आंसूओं से भीगा है और वह कहती है…जमीं माथै जित्ता देव है,पूज्या रा…ठा नी कद मेहर होसे…(जमीन पर जितने देव है सबकी पूजा कर ली, पता नहीं कब मेहरबानी होगी)
यह है मामला, गेमराराम
सीमावर्ती कुम्हारों का टिब्बा(सज्जन का पार) निवासी गेमराराम बदहवासी में सीमा लांघ पाकिस्तान चला गया है। मां-बाप इसका इंतजार कर रहे है। गेमराराम की वतन वापसी को लेकर सबसे पहले पत्रिका ने मामला उठाया इसके बाद विभिन्न संगठन, केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी, मानवेन्द्रसिंह, तरूणराय कागा, नागौर सांसद हनुमान बेनिवाल, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी सहित कई जनप्रतिनिधियों ने राज्य व केन्द्र सरकार तक पैरवी की है। कैलाश चौधरी व मानवेन्द्रसिंह ने पाकिस्तान तक पैरवी की है।
यों चला घटनाक्रम
5 नवंबर 2020 को तारबंदी पार कर पाक गया
5 जनवरी को पाकिस्तान ने दी भारत को जानकारी
20 जनवरी को पत्रिका ने किया खुलासा
21 जनवरी से शुरू हुए गेमराराम की घर वापसी के प्रयास
24 जनवरी को जानकारी आई हैदराबाद जेल में है गेमराराम
Source: Barmer News