Posted on

अमित दवे/जोधपुर. शादी-विवाह में मिठाइयों की रौनक केसर से होती है। केसर का केसरिया रंग मिठाइयों में जान डाल देता है। लेकिन

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे का असर भारत में केसर के बाजार पर पडऩा शुरू हो गया है। जहां पिछले करीब डेढ़ साल से केसर के भाव ९१००० रुपए प्रति किलो यानि १ ग्राम के ९१ रुपए थे, वहीं अब १११००० रुपए प्रति किलो यानि १११ प्रति एक ग्राम हो गई है। जोधपुर की बात करें तो केसर के बढ़ते भावों को देखते हुए जोधपुर में पिछले पांच दिनों में १०००-१५०० किलो का केसर का कारोबार हुआ है।

अफगानिस्तान से आने वाला केसर पूरी तरह बंद
केसर का मुख्य उत्पादन कश्मीर की घाटियों में होता है। इसके अलावा पाकिस्तान, ईरान, अफगानिस्तान की बर्फीली पहाडि़यों में केसर के फूल खिलते हैं, जिनकी तुड़ाई के बाद अलग-अलग भावों में दूसरे देशों को निर्यात की जाती है।

तालिबान हमले की वजह से अफगानिस्तान से आने वाला केसर पूरी तरह बंद हो गया है। व्यापारियों का कहना है कि कश्मीर में पिछले दो वर्षो में स्थिति सुधरने से वहां से केसर के उत्पादन व मंडि़यों में आवक का दबाव बढ़ा है। औसतन केसर का उत्पादन ५ हजार मैट्रिक टन के करीब होता है जबकि १० हजार मैट्रिक टन घरेलू व निर्यात की खपत का अनुमान है। एेसे में, मांग पूर्ति नहीं होने पर भारत को अन्य देशों से आयात करनी पड़ती है।

भारत आयातक व निर्यातक दोनों
भारत केसर का बड़ा आयातक देश होने के साथ निर्यातक भी है। भारत में जहां अफगानिस्तान, ईरान आदि से केसर आती है। वहीं भारतीय केसर की अमरीका, अरब सहित अन्य देशों में मांग रहती है। भारत का केसर सुगन्ध व तरल पदार्थ में रंग छोडऩे के मामले में अन्य केसर से अच्छी माना जाता है।

त्योहारों-शादियों का सीजन, और बढ़ेंगे दाम
अफगानिस्तान में दहशत का माहौल बन जाने से ईरानी, भारतीय व अन्य केसर के दामों में वृद्धि हो गई है। आगामी नवरात्रि, दीपावली आदि त्यौहारों व इनके बाद शादियों के सीजन को देखते हुए केसर के भाव बढऩे की संभावना है।
एकांश माहेश्वरी, केसर के थोक विक्रेता

आ सकती है तेजी
विदेशी संकटों की वजह केसर में तेजी आ गई है। आने वाले समय में और तेजी आ सकती है। एेसे में सभी ब्राण्ड़ के केसर के भाव बढ़ेंगे।
लादूराम पारीक, केसर के थोक विक्रेता

Source: Jodhpur

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *