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जोधपुर. दिनों दिन बदलते सामाजिक परिदृश्य और परिस्थितियों में हर आयु वर्ग के लोगों में डिप्रेशन बढ़ता जा रहा है। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के विस्फोटक हालातों में डिप्रेशन के मरीजों का ग्राफ काफी तेजी से बढा। मरीजों में कई मनोवैज्ञानिक समस्याएं भी पनप गई। जिसके चलते आत्महत्याओं के मामले काफी तेजी से बढ़ते जा रहे है।

कोरोना संक्रमण काल में आमजन को मुकाबला करने में काफी परेशानी का सामना करना पडा। डब्ल्यूएचओ की मानें तो हर आठ में से एक कोरोना संक्रमित मरीज को भारी मनोवैज्ञानिक समस्या से रूबरू होना पडा। जिसमें लॉक डाउन के हालातों में ज्यादा डिप्रेशन के मामले बढ़े। वहीं बाद में नौकरी छीनने, व्यवसाय बंद होने की स्थिति उपजी। जिसके प्रभाव से भी डिप्रेशन के हालात काफी वृहद स्तर पर नजर आए।

सारथी मॉडल रहा कारगर

देश में सैंकडों कोरोना संक्रमितों में डिप्रेशन और आत्महत्या के उमड़ते विचारों में मरीजों के लिए जोधपुर की पुनर्वास मनोवैज्ञानिक एवं सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ.कृति भारती का मनोवैज्ञानिक सारथी मॉडल वरदान साबित हुआ। जिससे मरीजों को काउंसलिंग देकर कोरोना की भयावहता हावी होने से रोक पाने के साथ ही डिप्रेशन और आत्महत्या के विचारों को रोक पाना संभव हुआ। जिससे कई आत्महत्या के मुहाने पर पहुंचे मरीजों को नया जीवन मिल पाया। डॉ.कृति भारती के एक पखवाडे के मनोवैज्ञानिक सारथी मॉडल से कोरोना संक्रमित व अन्य कारणों से डिप्रेशन की जद में आए मरीजों ने बखूबी जंग जीती। उल्लेखनीय है डॉ.कृति भारती को देश में बाल विवाह निरस्त व रोकथाम की साहसिक मुहिम के लिए कई राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।

Source: Jodhpur

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