बाड़मेर. चिकित्सक को भगवान का रूप कहा जाता है, ठीक उसी तरह फार्मासिस्ट को भगवान का दूत मानते है। दोनों का काम ही मरीज को खुशहाल करना है। दोनों का मरीज के लिए महत्व एक समान है। डॉक्टर और फार्मासिस्ट का एक ही लक्ष्य है कि बीमार को कैसे स्वस्थ किया जाए। कहा जाए तो दोनों एक-दूसरे के पूरक है। फार्मासिस्ट को केमिस्ट भी कहा जाता है। मेडिकल स्टोर्स पर आपको फार्मासिस्ट की ही सेवाएं मिलती है, जो आपको चिकित्सक की उपचार के लिए दी गई दवाएं उपलब्ध करवाने के साथ उनके लेने के तरीकों आदि की पूरी जानकारी देते हैं।
देश और विश्व के फार्मासिस्ट के सम्मान में 25 सितम्बर को अंतरराष्ट्रीय फार्मासिस्ट दिवस मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष इसके लिए एक थी जारी होती है। साल 2021 में अंतरराष्ट्रीय फार्मास्युटिकल फेडरेशन ने ‘फार्मेसी: हमेशा आपके स्वास्थ्य के लिए विश्वसनीयÓ थीम तय की है। इस साल यह फार्मासिस्ट दिवस का 13वां साल है
कब हुई थी दिवस की शुरूआत
विश्व में पहली बार साल 2009 में फार्मासिस्ट दिवस मनाया गया था। फार्मासिस्ट दवा क्षेत्र में अहम भूमिका निभाने का कार्य करते है। नई दवाइयों की खोज और बनाने में फार्मासिस्ट का बड़ा योगदान होता है। विभिन्न प्रकार के टीके का आविष्कार करना और बाजार में पहुंचाना फार्मासिस्ट का अहम रोल है। साथ ही नई दवाओं की खोज के साथ उसे सुरक्षित रखने जैसे कार्य भी इन्हीं के जिम्मे आते हैं। फार्मासिस्ट किसी भी देश के स्वास्थ्य विभाग की रीड होती है।
कोविड महामारी में मैदान में डटे रहे
कोरोना की शुरूआत में जब पूरा बाजार बिल्कुल सूना और बंद रहता था, उस समय भी फार्मासिस्ट एक वॉरियर्स की तरह मैदान में डटे थे। बीमार लोग स्वस्थ हो सके, इसके लिए महामारी के भयंकर दौर में भी अपनी सेवाएं दी। दवा की दुकानों पर एक सिपाही की तरह फार्मासिस्ट तैनात रहे। यहां तक की मरीजों को अन्य राज्यों से दवाइयां मंगवाकर उपलब्ध करवाई और उनके दूर-दराज के गांवों में घरों तक भी पहुंचाई। किसी ने कहा कि दवा की दुकान पर फार्मासिस्ट का काम बैठकर नहीं किया जा सकता है। इसलिए वह हमेशा खड़े ही रहते हैं, जो उन्हें लड़ाई (बीमारी) में योद्धा के रूप में प्रतिबिंबित करता है।
बीमार स्वस्थ हो जाए यही फार्मासिस्ट का लक्ष्य
बाड़मेर में स्टेशन रोड पर मेडिकल स्टोर संचालित कर रहे वरिष्ठ फार्मासिस्ट एसके शारदा पिछले 38 सालों से सेवाएं दे रहे हैं। वे बताते हैं कि हमारी यही इच्छा रहती है कि जो दवा मरीज को दे रहे हैं, उससे वह स्वस्थ हो जाए। एक फार्मासिस्ट बीमार के लिए बेहतर से बेहतर दवा देता है। बीमार को समय पर दवा उपलब्ध हो जाए, इसी लक्ष्य को लेकर एक फार्मासिस्ट चलता है। फार्मासिस्ट का दवा दुकानों के साथ दवाइयों को बनाने और खोज करने में भी अहम भूमिका है। सामान्यत: फार्मासिस्ट करीब 15 घंटे तक मेडिकल स्टोर्स पर काम करते हैं। यह लम्बी और हार्ड ड्यूटी मानी जाती है।
Source: Barmer News