जोधपुर. केंद्रीय रेल, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव मोदी सरकार में अहम मंत्रालयों का जिम्मा संभालने के लगभग तीन महीने बाद शनिवार को अपने गृहनगर जोधपुर पहुंचे। उन्होंने यहां राइका बाग रेलवे स्टेशन के नवनिर्मित भवन, फुटओवर ब्रिज व दो लिफ्ट को आमजनता के लिए समर्पित किया, वहीं डाक विभाग की ओर से आयोजित समारोह में जैसलमेर में ११वें डाक मंडल और रामदेवरा में नवनिर्मित डाकघर भवन का वर्चुअल उद्घाटन किया। सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होने से पहले उन्होंने लगभग दो घंटे अपने परिवारजनों के साथ गुजारे। परिजनों के अलावा मित्रों, सहपाठियों व भाजपा कार्यकर्ताओं में भी नौकरशारही से राजनीति के ऊंचे मुकाम पर पहुंचे वैष्णव का स्वागत करने की हौड़ लगी रही।
भाषणों में प्रधानमंत्री का जिक्र
रेल मंत्री के भाषणों में माटी और प्रधानमंत्री मोदी ही छाए रहे। राइका बाग स्टेशन पर उन्होंने करीब २६ बार मोदी व केंद्र सरकार की योजनाओं का जिक्र किया तो माहेश्वरी भवन में डाक विभाग के कार्यक्रम में १६ मिनट के भाषण में वे २४ बार मोदी व सरकार के बारे में बोले। मातृभूमि के प्रति स्नेह दिखाते हुए उन्होंने मारवाड़ी में कहा कि वे इसी माटी के जाए जन्मे हैं और यहां अपनों का आशीर्वाद लेने आए हैं।
महिला सिपाहियों से करवाया उद्घाटन
वैष्णव ने रेलवे स्टेशन भवन व सुविधाओं का उद्घाटन खुद करने की बजाय रिमोट महिला सिपाहियों को सौंप दिया। उनसे ही उन्होंने बटन दबवाया।
माता-पिता से मिल हुए भावुक
वैष्णव हवाई अड्डे से सीधे रातानाडा स्थित अपने पैतृक निवास स्थान पर पहुंचे। माता-पिता के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया और दोनों से गले भी मिले। मां ने उनका कुंकुम का तिलक लगाकर स्वागत किया तो परिवार के लोगों ने पुष्पों बरसाए। इस दौरान वैष्णव भावुक हो गए। मीडिया से इस मौके संक्षिप्त बातचीत में उन्होंने कहा कि शिक्षा तो मिलती है विद्यालय से, संस्कार मिलते हैं परिवार से, माता-पिता से आशीर्वाद लेने आया हूं, भावुक होना स्वाभाविक है। उन्होंने घर पर हुए स्वागत का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करते हुए लिखा भी कि ‘मेरा परिवार, मेरा संस्कार।’ इससे पहले उन्होंने जोधपुर पहुंचने के बाद पोस्ट की ‘जोधपुर की धरती को मेरा कोटि कोटि प्रणाम।’
याद आए कॉलेज के दिन
रेल मंत्री शाम को अब विश्वविद्यालय बन चुके एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज पहुंचे। वहां उनका अभिनंदन किया गया। इस दौरान वैष्णव सहपाठियों, पुराने मित्रों व शिक्षकों से मिलकर कॉलेज दिनों की यादों में खो गए।
Source: Jodhpur