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जोधपुर. पचपदरा में बन रही हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपीसीएल) की रिफाइनरी के लिए पानी की व्यवस्था इंदिरा गांधी नहर से की जा रही है। जैसलमेर के नाचना से लेकर बाड़मेर के पचपदरा तक करीब 230 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाई जा रही है। पाइप लाइन बिछाने का कार्य युद्ध स्तर पर चार स्थानों से समानांतर चल रहा है। अगले साल मार्च तक पाइप लाइन का कार्य पूरा होने से रिफाइनरी के निर्माण कार्य में तेजी आने की उम्मीद है। पाइपलाइन का एक हिस्सा रक्षा मंत्रालय की भूमि से गुजर रहा है। रक्षा मंत्रालय ने दो दिन पहले ही हिंदुस्तान पेट्रोलियम की पानी की लाइप लाइन के संदर्भ में रक्षा भूमि हस्तांतरण की अनुमति प्रदान कर दी है। यह पाइप लाइन रक्षा मंत्रालय के 9 किलोमीटर के क्षेत्र से गुजरेगी। इसके लिए हिंदुस्तान पेट्रोलियम को सालाना 4.28 लाख रुपए का भुगतान करना पड़ेगा।

नाचना में बनाया जा रहा है रिजर्वायर
जैसलमेर के नाचना में बड़ा जलाशय बनाया गया है जहां इंदिरा गांधी नहर से आने वाले पानी का संग्रहण कर पाइप लाइन के जरिए पचपदरा भेजा जाएगा जो रिफाइनरी में काम आने के साथ आवासीय प्रतिष्ठानों के लिए भी उपलब्ध होगा।

इस साल रक्षा मंत्रालय ने 3 सिविल प्रोजेक्ट को दी हरी झंडी
अमूमन रक्षा मंत्रालय की ओर से स्वयं के अधिग्रहण क्षेत्र में होने वाले सिविल कार्यों की अनुमति बड़ी मुश्किल से मिलती है लेकिन इस साल प्रदेश में 3 बड़े सिविल कार्यों को रक्षा मंत्रालय ने अपनी भूमि पर अनुमति प्रदान की है। रिफाइनरी की पाइप लाइन के अलावा जोधपुर के सारण नगर में बन रहे प्रदेश के पहले एच आकार के ओवर ब्रिज के लिए एक रुपया प्रति स्क्वायर मीटर पर लाइसेंस आधार पर भूमि हस्तांतरित की गई है। साथ ही रक्षा मंत्रालय ने रेलवे को अजमेर के पास स्थित नसीराबाद छावनी के भीतर से इलेक्ट्रिक ट्रेनों के लिए 132 केवी की ट्रांसमिशन लाइन गुजारने की अनुमति दी। इससे अब दिल्ली-उदयपुर इलेक्ट्रिक रूट का पूर्णतया उपयोग हो पाएगा।

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‘रिफाइनरी प्रशासन की ओर से 2019 में पानी की पाइप लाइन की के संदर्भ में कार्यवाही शुरू की गई थी, जिसे हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने अपनी अनुमति दे दी है।’
-अभिनव सिंह, रक्षा संपदा अधिकारी जोधपुर वृत्त

Source: Jodhpur

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