संख्या एक- बाड़मेर ग्रामीण क्षेत्र में खलीफे की बावड़ी में कुछ साल पहले जीएसएस की स्वीकृति हुई तो गांव के पास ही इसका निर्माण शुरू कर दिया। आनन-फान जीएसएस तो बन गया लेकिन अब चारदीवारी बनाने की बात आई तो डिस्कॉम की सिविल विंग ने पट्टा मांगा लेकिन जमीन डिस्कॉम के नाम नहीं है जिस पर चारदीवारी की स्वीकृति अटकी हुई है।
केस संख्या दो- बाड़मेर शहर के नजदीक शिवकर में जीएसएस बने लम्बा समय हो चुका है। इस जीएसएस की चारदीवारी को लेकर कई बार ग्रामीण डिस्कॉम अधिकारियों को अवगत करवा चुके हैं लेकिन ग्राम पंचायत से पट्टा नहीं बनने पर निर्माण कार्य अटका हुआ है। एेसे में आमजन हर रोज खतरे के बीच रहने को मजबूर है।
केस संख्या तीन- सिणधरी ब्लॉक के भूका गांव में २०१७ में जीएसएस बना जो गांव की आबादी के पास है। जीएसएस आमजन के लिए चिंता का कारण बना हुआ है। लम्बे समय से पट्टे के इंतजार में चारदीवारी नहीं बन रही। डिस्कॉम भी ज्यादा माथाफोड़ी करता नजर नहीं आता।
दिलीप दवे बाड़मेर. सुरक्षा इंतजाम की परवाह किए बिना ही आनन-फानन में बनाए जीएसएस आमजन के लिए मुसीबत बने हुए हैं। डिस्कॉम के नाम राजस्व रेकॉर्ड में जमीन दर्ज नहीं होने के कारण इनकी चारदीवारी की सालों से वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं हो रही। इसका खामियाजा उन ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है जो जीएसएसए के आसपास रहते हैं,जिनको अनहोनी का डर रहता है।
क्योंकि कभी यहां पशुधन पहुंच जाता है तो कभी बच्चे खेलते-खेलते चले जाते हैं। गांव की मुख्य चौराहों पर चारदीवारी विहीन जीएसएस होने से अनजान वाहन चालकों के लिए भी बड़ी मुसीबत बने हुए हैं।
जोधपुर डिस्कॉम बाड़मेर में सरकारी तंत्र के आदेश की पालना में सुरक्षा को ताक में रखकर जीएसएस (ग्रिड सब स्टेशन ) का निर्माण जिले में करवा तो दिया लेकिन ना तो ग्राम पंचायत प्रशासन से जमीन का आवंटन करवाया ना ही पट्टा बनाया। इसके चलते पिछले कई सालों से जीएसएस आमजन के लिए खतरे का सबब बने हुए हैं।
इन जीएसएस के चारों तरफ दीवार नहीं होने से आमजन को हर दिन खतरे के बीच गुजरना पड़ रहा है। क्योंकि अधिकांश जीएसएस आबादी क्षेत्र के आसपास है। पास से आमरास्ता गुजरता है जिस पर ग्रामीणों के साथ पशुधन व छोटे बच्चे भी आते-जाते हैं। शॉर्टकट के चक्कर में बच्चे कई बार जीएसएस के हाई पावर विद्युत तंत्र के नीचे से होकर गुजरते हैं जिससे अनहोनी का डर रहता है।
२५ जगह बिना पट्टे के बना दिए जीएसएस- जिले में एक-दो नहीं २५ गांवों में जीएसएस ग्राम पंचायत से डिस्कॉम के नाम जमीन राजस्व रेकर्ड में दर्ज करवाए बिना ही बना दिए। वहीं, ग्राम पंचायत से पट्टा भी नहीं बन रहा है। इस पर ये जीएसएस सालों से बिना चारदीवारी के ही खड़े हैं।
तीस जगह विभागीय आदेश का इंतजार- जिले में तीस जीएसएस एेसे हैं जिनकी जमीन डिस्कॉम के नाम दर्ज हो चुकी है। यहां चारदीवारी बनाने के लिए डिस्कॉम की सिविल विंग को प्रस्ताव भेज रखा है। लम्बे समय से फाइलें अटकी होने से यहां चारदीवारी निर्माण शुरू नहीं हो रहा है।
डिस्कॉम हो तैयार तो हम करेंगे सहयोग- डिस्कॉम तैयार हो तो ग्राम पंचायत प्रशासन सहयोग को तैयार है। कई जगह पट्टे जारी किए गए हैं। अभी शिविर में आसानी से पट्टे बन जाएंगे जिससे आमजन को चारदीवारी बनने पर अनहोनी का डर नहीं रहेगा।- हिंदूसिंह तामलोर, जिलाध्यक्ष सरपंच संघ बाड़मेर
प्रक्रिया चल रही- कई जगह चारदीवारी निर्माण को लेकर पट्टे बना दिए हैं जिनकी चारदीवारी को लेकर प्रक्रिया चल रही है। शेष रहे जीएसएस के पट्टों को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देश देकर प्रशासन गांवों के संग अभियान में फाइल लगाने को कहा गया है, उम्मीद है कि हर जगह पट्टे बन जाएंगे जिसके बाद चारदीवारी बनाने का कार्य करवाएंगे।- अश्विनीकुमार जैन, अधिशासी अभियंता जोधपुर डिस्कॉम वृत्त बाड़मेर
Source: Barmer News