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जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट में जज नियुक्त किए गए अतिरिक्त महाधिवक्ता फरजंद अली का कहना है कि अब तक वकील के तौर पर और बतौर न्यायाधीश उनका लक्ष्य हमेशा यही रहेगा कि पीडि़त को जल्द इंसाफ मिले।
उन्होंने कहा, मैंने बचपन से पिता दौलत अली जो कि चित्तौडग़ढ़ के नामी वकील हैं, से मिलने आने वाले मुवक्किलों की मनोदशा को देखा है और न्याय मिलने पर उनके चेहरे पर खुशियां भी देखी है। एक पीडि़त को जब न्याय मिलता है तो न केवल उसे बल्कि उनके पैरोकार को भी सुकून मिलता है। उन्होंने पिता की प्रेरणा के साथ इस मुकाम तक पहुंचने में अपनी पत्नी ताहिरा, पुत्र जीशान अली और पुत्री मारिया के हर कदम पर साथ रहने को बड़ा संबल बताया। अली ने कहा कि यदि आप अपने कर्तव्य पथ पर समर्पण भाव से अडिग रहते हैं तो निश्चय ही उसका प्रतिफल मिलता है।

जीवन परिचय
अली का जन्म 15 दिसंबर, 1968 को चित्तौडग़ढ़ में हुआ। उन्होंने कानून की पढ़ाई 1988-1991 में नीमच से की। उसके बाद अली ने वर्ष 1992 में चित्तौडग़ढ़ में वकालत शुरू की। वर्ष 2006 में अली चित्तौडग़ढ़ से जोधपुर आए और राजस्थान हाईकोर्ट में वकालत करने लगे। अली ने विगत तीन दशकों में राजस्थान सहित देश के अन्य हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में कई मामलों में पैरवी की। इसके अलावा अली कई सरकारी विभागों सहित भारत संघ के भी वकील रहे और कई बड़े व्यावसायिक मामलों में भी पैरवी की। जनवरी 2019 में अली को अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त किया गया। तब से जज नियुक्त किए जाने तक अली हाईकोर्ट के समक्ष पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों की ओर से पैरवी करते आ रहे हैं। कई मर्तबा ऐसा भी हुआ कि किसी पक्षकार का दावा और तथ्य उसके पक्ष में थे तो अली ने कोर्ट में यह स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं की।इसकी वजह पूछने पर उन्होंने कहा-अंतिम लक्ष्य इंसाफ है।जो सत्य है, जो सटीक है और जो खरा है, मैं हमेशा उसके साथ खड़े रहने की पुरजोर कोशिश करूंगा।

Source: Jodhpur

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