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जोधपुर. पति की दीर्घायु और सौभाग्य-समृद्धि का प्रतीक पर्व करवा चौथ 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। कार्तिक पक्ष की चतुर्थी को सौभाग्यवती महिलाएं दिन भर निर्जल निराहार रहकर रात्रि चंद्रोदय के बाद मिट्टी से बने सुराहीनुमा करवा पात्र से चंद्रमा को अघ्र्य देकर पूजन करेगी। चन्द्र दर्शन के बाद पति के हाथों सात बार जल आचमन एवं मिष्ठान खिलाकर चतुर्थी के कठिन व्रत का पारणा करेगी। ये व्रत खासतौर से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार में ही किया जाता है। मान्यता के अनुसार वट सावित्री व्रत की तरह ही करवा चौथ व्रत करने से भी पति को लंबी आयु प्राप्त होती है और वैवाहिक जीवन खुशहाल होता है साथ ही व्रत करने वाली महिलाओं का अखंड सौभाग्य भी बना रहता है।

करवा चौथ पर बन रहा विशिष्ट संयोग

ज्योतिष अनीष व्यास ने बताया कि इस साल एक शुभ और विशिष्ट संयोग करवा चौथ व्रत के दिन निर्मित हो रहा है। पंचांग के मुताबिक इस बार करवा चौथ का चन्द्रमा रोहिणी नक्षत्र में उदित होगा। मान्यता के अनुसार इस नक्षत्र में व्रत रखना अति शुभ माना जाता है। ये भी मान्यता है कि विशिष्ट योग में चंद्र दर्शन मनवांछित फल प्रदान करता है। इस बार करवा चौथ 24 अक्टूबर को मौसम अनुकूल रहने पर चन्द्रोदय 8.07 मिनट पर होगा। इस दिन संकष्टी चतुर्थी भी होती हैं और उसका पारणा भी चंद्र दर्शन के बाद ही किया जाता है। इसलिए करवा चौथ को गणेश जी का पूजन के साथ माता पार्वती, शिव जी और

करवा चौथ शुभ मुहूर्त

करवा चौथ तिथि आरंभ- 24 अक्टूबर को सुबह 3.01 मिनट से
चतुर्थी तिथि समाप्त- 25 अक्टूबर सुबह 5.43 मिनट पर

करवा चौथ व्रत पूजा शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर को शाम 5.43 मिनट से 6.59 मिनट तक

ो शाम 5.43 मिनट से 6.59 मिनट तक

Source: Jodhpur

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