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दिलीप दवे बाड़मेर. प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में नामांकन अब एक करोड़ के आंकड़ को छूने वाला है। राज्य में पहली से पांचवीं तक98 लाख 64 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत है। पहली से लेकर बारहवीं हर कक्षा में नामांकन बढऩे के साथ ही अब निजी विद्यालयों को टक्कर मिलने लगी है। हालांकि पद रिक्तता की स्थिति के चलते थोड़ी चिंता की बात जरूरी है बावजूद इसके सरकारी स्कू  लों के प्रति अभिभावकों को बढ़ता मोह सुखद संकेत दे रहा है।

प्रवेशोत्सव कार्यक्रम हो या फिर अभिभावक- शिक्षक सम्मेलन। सरकारी स्कू  लों में नवाचार की बात हो या फिर जनजगारूकता, इसका असर अब नामांकन पर नजर आने लगा है। प्रदेश के सरकारी विद्यालयों का नामांकन एक करोड़ के करीब पहुंच रहा है। यह स्थिति सुखद इसलिए भी है कि लम्बे समय से निजी विद्यालयों के बोलबाले के बीच सरकारी विद्यालयों ने स्थिति को सुधारा है। इस शिक्षा सत्र में करीब बारह लाख विद्यार्थी सरकारी विद्यालयों में नए जुड़े हैं जिस पर अब 98 लाख 64 हजार 812 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं।

हर कक्षा में बढ़ा नामांकन- सरकारी स्कू  लों में पहली से लेकर बारहवीं तक हर कक्षा में नामांकन बढ़ रहा है। इसके चलते विद्यालयों में बच्चों की तादाद एक करोड़ के करीब पहुंच रही है।

ग्राम पंचायत स्तर पर बारहवीं स्कू  ल से सुधरी स्थिति- पूर्व में जहां सीनियर सैकेण्डरी स्कू  ल कम थी लेकिन कुछ सत्र से अब हर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर बारहवीं तक की कक्षाएं सचालित हो रही है। इन विद्यालयों में स्टाफ लगने के बाद शिक्षण स्तर सुधरा है तो गांव में ही उच्च कक्षाओं का संचालन होने से अभिभावक बच्चों को सरकारी विद्यालयों में पढ़ाने लगे हैं।

योजनाओं ने किया आकर्षित- सरकारी विद्यालयों में बच्चों को जोडऩे में सरकारी की छात्रवृत्ति योजना, स्कू  टी योजना, निशुल्क साइकिल वितरण योजना, अब आठवीं तक पौषाक वितरण, मिड डे मील सहित कई योजनाएं भी कारगर साबित हो रही है। इन योजनाओं का लाभ उठा रहे बच्चों को देख दूसरे बच्चों के अभिभावक भी उनको सरकारी विद्यालयों से जोड़ रहे हैं।

गुणात्मक सुधार और नवाचार- पिछले कुछ सालों से निजी विद्यालयों के साथ सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थी दसवीं, बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं में अव्वल आ रहे हैं। जिला स्तर की मैरिट हो या फिर राज्य स्तर पर टॉप सौ की सूची में सरकारी स्कू  लों के विद्यार्थियों की तादाद ज्यादा है। दूसरी ओर अतिरिक्त कक्षाएं संचालित कर शिक्षण करवाने, सह शैक्षणिक गतिविधियों पर ध्यान देने, स्कू  लों में नवाचार आदि ने भी सरकारी स्कू  लों के प्रति रूझान को बढ़ाया है।

मॉडर्न, महात्मागांधी स्कू  लों ने सुधारी स्थिति- प्रदेश में निजी विद्यालयों के समान ही अंग्रेजी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्वामी विवेकानंद मॉडर्न स्कू  ल खुले तो अब महात्मागांधी अंग्रेजी माध्यम स्कू  ल शुरू हुए हैं। इन विद्यालयों में अत्याधुनिक सुविधाएं और बढि़या शिक्षण ने भी सरकारी विद्यालयों का नामांकन बढ़ाया है।

बन रही सुखद स्थिति- प्रदेश के सरकारी स्कू  लों में करीब एक करोड़ का नामांकन हो रहा है। यह स्थिति सुखद है। पद रिक्तता की स्थिति खत्म हो जाए और नव पद सृजित करने के साथ सीनियर स्कू  लों में हिंदी, अंग्रेजी व्याख्याता के पद स्वीकृत कर भरे जाए तो काफी फायदा होगा।- बसंतकुमार जाणी, जिलाध्यक्ष राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ ( रेस्टा) बाड़मेर

नामांकन में हो रही बढ़ोतरी- जिले सहित प्रदेश में सरकारी विद्यालयों में नामांकन की बढ़ोतरी हो रही है। यह स्थिति सुखद है। सरकारी विद्यालयों के स्टाफ की मेहनत के बलबुते ही स्थिति सुधर रही है।- जेतमालसिंह राठौड़, एडीईओ माध्यमिक बाड़मेर

फैक्ट फाइल सरकारी विद्यालयों में कक्षावार अध्यनरत विद्यार्थियों की तादाद

कक्षा नामांकन प्रथम ७८६३१४द्वितीय ८१४६२४तृतीय ९३६२२२चतुर्थ ९४२४२५पांचवीं ९२४६२८छठी ८५९७५३ सातवीं ८८०१५१आठवीं ८११८३४नवमीं ७७४१४४दसवीं ७३४०३५ग्यारहवीं ८१४०२४बारहवीं ५८६३३८कुल ९८६४८१२

Source: Barmer News

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