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बाड़मेर. मौसमी बीमारियों से पीडि़तों के लिए कई तरह की शारीरिक दिक्कतें बढ़ती जा रही है। वायरल फीवर के बीमार 3-5 दिन में ठीक हो जाते थे। लेकिन कई मामले ऐसे आ रहे हैं कि लोगों को स्वस्थ होने में 8-10 दिन लग रहे हैं। इस दौरान बुखार पीछा नहीं छोड़ रहा है।
अब मामूली समझे जाने वाली बीमारियां मरीजों का जल्द पीछा नहीं छोड़ रही है। वायरल इंफेक्शन का असर 3-5 के बाद भी बन रहता है। इससे मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। हालात यह है कि मरीज फिर से पुरानी दवा पर्ची के साथ बुखार की शिकायत के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं। जबकि उन्हें वायरल फीवर था और दवा लेने के बाद ठीक हो गए, लेकिन फिर बुखार जैसा महसूस होने से बीमार हो रहे हैं। ऐसे में इस तरह के बुखार को अब लॉंग वायरल फीवर माना जा रहा है।
वायरल दिखा रहा कई रूप
वायरल इंफेक्शन के कारण बुखार पीडि़तों के लिए अन्य शारीरिक समस्याएं पैदा हो रही है। इनमें खासकर शरीर में खुजली और रेशेेज होना भी है। जबकि इस तरह के मरीजों की डेंगू रिपोर्ट नेगेटिव है। चिकित्सक तक हैरान है कि कुछ मामलों में वायरल इंफेक्शन के कारण मरीजों की हथेली में कभी रात को रेश्ेाज दिखते तो दिन में गायब हो जाते। इसका कारण चिकित्सकों को भी समझ में नहीं आ रहा है। ऐसे एक-दो केस बच्चों में भी मिले हैं।
वृद्ध ज्यादा हो रहे हैं बीमार
बुखार का असर सबसे अधिक वृद्ध लोगों में देखा जा रहा है। ओपीडी में 60 प्लस के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से वायरल इंफेक्शन किसी को भी चपेट में ले सकता है। ऐसे में इन दिनों में वृद्धजन ज्यादा बीमार सामने आ रहे हैं। इस बीच वृद्धों की जांच में टाइफाइड के केस भी मिले हैं।
अब बीमारों की संख्या हुई है कुछ कम
बाड़मेर के राजकीय अस्पताल के डॉ. प्रतीक सागर बताते हैं कि बुखार के रोगी लगातार सामने आ रहे हैं। लेकिन पिछले तीन दिनों से ओपीडी में मरीजों की संख्या में गिरावट आई है। पहले दोपहर बाद तक मरीजों की कतारें रहती थी, लेकिन अब सुबह भीड़ रहती है, लेकिन बाद में मरीज कम है।
अनदेखी से बढ़ता है वायरल फीवर का टाइम
ये है वायरल फीवर के लक्षण
-शरीर का तापमान चढऩा-उतरना
-पेट और गले में तेज दर्द
-चक्कर आना की शिकायत
-आंखों में जलन और पानी आना

Source: Barmer News

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