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महेन्द्र त्रिवेदी
बाड़मेर. बाड़मेर में बच्चों के लिए 100 बेड का अस्पताल बनाया जाएगा। वर्तमान में बच्चों का और जनाना विंग एमसीएच यूनिट में संचालित हो रही है। नवजात के लिए यहां पर नई सुविधा के साथ एनआइसीयू बेड 24 हो चुके हैं। लेकिन बच्चों को भर्ती करने की सुविधा के लिए केवल 24 बेड ही है। ऐसे में मौसमी बीमारियों के दौरान भी एक-एक बेड पर तीन-तीन बच्चों को भर्ती करना पड़ा है। अस्पताल प्रबंधन अब योजनाबद्ध रूप से कार्य करते हुए नवजात के अलावा केवल बच्चों के लिए 100 बेड का अस्पताल भी बनाएगा। साथ ही 20 बेड का बच्चों के लिए आइसीयू भी तैयार होगा।
बाड़मेर में मेडिकल कॉलेज शुरू होने के बाद बच्चों के चिकित्सक तो बढ़े हैं, लेकिन बेड की सुविधा अभी भी पुराने ढर्रे पर ही चल रही है। मरीजों के बढ़ते दबाव के कारण 24 बेड बहुत कम पड़ रहे हैं। मौसमी बीमारियों में ही अतिरिक्त बेड अस्पताल की गैलरी में लगने पड़े हैं। ऐसे में कोविड की आशंका लगातार बनी हुई है और तीसरी लहर आती है और बच्चे चपेट में आ गए तो इतनी व्यवस्थाओं में उपचार करना मुश्किल हो जाएगा।
एक बेड पर दो-तीन बच्चे भर्ती
अस्पताल में बच्चों को भर्ती करने के लिए कुल 24 बेड है। जबकि पिछले दिनों से डेंगू के फैलने और बढ़ती मौसमी बीमारियों के कारण 50-60 के बीच बच्चे भर्ती होते रहे हैं। ऐसे में उन्हें कहां पर भर्ती करें, इसको लेकर अस्पताल प्रबंधन के सामने व्यवस्थाएं कम पड़ गई। हालांकि बेड लगातार अतिरिक्त व्यवस्थाएं भी की गई। यहां तक की परिजनों के बैठने की सेटी पर भी बच्चे भर्ती किए जा रहे हैं। गैलरियां बच्चों के लिए लगाए गए बेड से भरी हुई है। एक ही परिवार के दो-तीन बच्चे बीमार है तो सभी एक ही बेड पर भर्ती किए जा रहे हैं।
केवल पीडियाट्रिक विभाग ही रहेगा एमसीएचयू में
योजना के अनुसार एमसीएच यूनिट से जनाना विंग बिल्कुल अलग करते हुए उसे पुरानी बिल्डिंग में शिफ्ट किया जाएगा। यह कार्य मेडिकल कॉलेज के पास बनने वाले अस्पताल के निर्माण के बाद होगा। इसके बाद एमसीएचयू केवल बच्चों का अस्पताल बन जाएगा।
यहां पर योजनाबद्ध तरीके से कर रहे हैं विस्तार
अस्पताल का विस्तार योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है। एमसीएच यूनिट को सेपरेट किया जाएगा। यहां पर केवल बच्चों का अस्पताल रहेगा। पीडियाट्रिक विभाग में कुल 100 बेड बच्चों के लिए होंगे। इसके अलावा 20 बेड का आइसीयू भी बनेगा। वहीं अभी 10 बेड का नया एनआइसीयू बनकर तैयार हुआ है। अभी एमसीएच में पुराना एनआइसीयू 14 बेड का है। एमसीएच से जनाना विंग को अलग करते हुए इसे पुरानी बिल्डिंग में शिफ्ट किया जाएगा।
-डॉ. आरके आसेरी, प्राचार्य एवं नियंत्रक राजकीय मेडिकल कॉलेज बाड़मेर

Source: Barmer News

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