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Crypto currency – मोबाइल ऐप सहित अन्य ऑनलाइन सिस्टम से लोन लेने वाले व्यक्तियों से बड़े स्तर पर फिरौती की वसूली की जा रही है। ऑनलाइन लोन के चक्कर में फंसने के बाद व्यक्ति मूल राशि का 3 से 4 गुना तक गंवा बैठता है। फ्रॉड करने वालों ने पुलिस से बचने के लिए अब क्रिप्टो करेंसी में लेनदेन शुरू कर दिया है। इसमें वॉलेट पता नहीं होने से पुलिस ऐसे लोगों तक पहुंच नहीं पाती है और लोगों की राशि कभी वापस नहीं आती। आईटी इनलिटरेसी का फायदा उठाकर विदेशी फ्रॉड भी ठगी पर उतर आए हैं। गत महीने दिल्ली पुलिस ने जोधपुर सहित देश के कुछ हिस्सों से ऑनलाइन फ्रॉड करके क्रिप्टो में करेंसी का ट्रांसफर करने वाले 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसका मास्टरमाइंड जोधपुर निवासी कृष्णा था जो ऑनलाइन फिरौती वसूल करके लोगों की राशि क्रिप्टो करेंसी के रूप में चीन भेज रहा था। इस रैकेट के पकड़ में आने के बाद पुलिस ने ऑनलाइन लोन के नाम पर कईयों के खाते खाली होने का खुलासा किया है।

ऐसे होता है ऑनलाइन लोन के नाम पर फ्रॉड
– रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया बैंक (आरबीआई) के बैंकों के अलावा नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) को लोन देने का लाइसेंस जारी करती है। लाइसेंस धारक एनबीएफसी ऑनलाइन लोन लेने वाले ग्राहकों से ई-केवाईसी करवाते हैं लेकिन फ्रॉड वेरिफिकेशन के नाम पर लोगों के मोबाइल अथवा सिस्टम में स्वयं का ऐप इंस्टॉल करके उनके कांटेक्ट, एसमएस, गैलरी, कैमरा अन्य फाइनेंशियल एप एक्सेस कर लेते हैं।

– फ्रॉड व्यक्ति के मोबाइल में मेलेशियस कोड डालकर उसकी सूचनाएं ले लेता है। हर महीने ब्याज राशि बढ़ाते रहते हैं और नहीं देने पर उसके कांटेक्ट लिस्ट में शामिल लोगों को अपशब्द भरे मैसेज, अश्लील फोटो और वीडियो शेयर करके बदनाम करने की धमकी देते हैं।

– मान लीजिए एक लाख का लोन ऑनलाइन लेने पर ऐसे फ्रॉड 3000 से ₹4000 प्रोसेसिंग फीस के नाम पर काट लेते हैं और कुछ ही दिनों में पहली किस्त चुकाने के लिए कहते हैं। अगले महीने ब्याज राशि बढ़ाकर किस्तें वसूलते हैं। इस प्रकार व्यक्ति इनके जाल में फंसता जाता है।

खुद ही पेटीएम कर लेते हैं फ्रॉड
ऑनलाइन लोन लेने वाला व्यक्ति फ्रॉड का एप अगर अनइनस्टॉल भी कर लेता है तो भी फ्रॉड उसके मोबाइल पर एक्सेस कर लेता है। ठग स्वयं पेटीएम, गूगल पे सहित पेमेंट सर्विस से स्वयं ही मोबाइल धारक के यूपीआई खाते से पैसे स्वयं के खाते में ट्रांसफर करता रहता है।
क्रिप्टो करेंसी से लेनदेन से नहीं आते पकड़ में

लेन-देन क्रिप्टो करेंसी में होने से ऑनलाइन फ्रॉड करने वालों की चांदी हो गई है। बैंक अपने ट्रांजैक्शन और सरकार टैक्स मिलने से खुश है लेकिन क्रिप्टो की ट्रेकिंग नहीं होने से ठगी के पैसे का पता नहीं चल पाता है। इस गैंग में शामिल किसी व्यक्ति के पकड़ में आने पर ही इस रैकेट का खुलासा होता है।

ऐसे बचें
– सिबिल स्कोर और क्रेडिट कार्ड स्कोर खराब होने पर लोग ऑनलाइन लोन लेने की तरफ आकर्षित होते हैं लेकिन एक बार फंसने के बाद वह पूरी तरह से कंगाल हो जाते हैं।

– आरबीआई से लाइसेंस प्राप्त एनबीएफसी से लोन लेवें।

– ऑनलाइन लोन देने वाला कोई भी ऐप इंस्टॉल करने के लिए नहीं कहता।

– अगर कोई ऐप इंस्टॉल कर भी लिया है तो उसे कांटेक्ट, गैलरी, कैमरा, एसएमएस सहित समस्त चीजें इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दें।

आरबीआई से लाइसेंस प्राप्त कम्पनियों से ही लोन लेंवे। कोई भी व्यिक्त या कम्पनी बगैर फायदे के लोन नहीं देती है। इसका ध्यान रखें।
– प्रिया सांखला, साइबर एक्सपर्ट

Source: Jodhpur

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