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Agricultural scheme – भारत कृषि प्रधान देश है लेकिन बीते कुछ समय से लोगों विशेषकर युवाओं ने हमारी कृषि की ताकत को भुला दिया है। ऐसे युवाओं को अब जोधपुर स्थित केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) ने नई दिशा दी है। काजरी ने महंगे polyhouse पॉलीहाउस की तर्ज पर स्वयं का 1.50 लाख रुपए का net house plan नेट हाउस विकसित किया है। यह 2016 में बनाया था। अपने खेत में इस नेट हाउस को लगाकर एक व्यक्ति एक साल में टमाचर, चेरी टमाटर, खीरा और रंग-बिरंगी शिमला मिर्च की चार फसलें ले सकता है। पहले साल में नेट हाउस का खर्चा निकलकर मुनाफा होगा और पांच साल तक आमदनी आरएएस-आईपीएस की तनख्वाह के बराबर आ जाएगी। पांच साल बाद केवल 25 हजार रुपए की लागत से नेट बदलना होगा।

एक नेट हाउस में 330 पौधे लगेंगे
– 8 मीटर चौड़ा, 16 मीटर लंबा, 3.50 मीटर ऊंचा नेट हाउस होगा।

– 2.50 मीटर ऊंचाई तक तार लगाकर पौधों को स्थिर करेंगे।

– एक नेट हाउस में 330 पौधे लगेंगे।

– प्रत्येक नेट हाउस में एक फसल लेंगे। टमाटर व चेरी टमाटर साथ ले सकते हैं।

– जुलाई से अक्टूबर तक खीरा, सितम्बर से अप्रेल तक टमाटर, शिमला मिर्च, चेरी टमारट लेंगे।

ऐसे होगा फायदा
– पोषक तत्वों से युक्त चेरी टमाटर बाजार में 400 रुपए किलो है। एक गुच्छे से 100 से 150 टमाटर लगेंगे। प्रति पौधा 4 से 5 किलो उत्पादन होगा।

– लाल, पीली, जामुनी और भूरे रंग की शिमला मिर्च 250 से 300 रुपए किलो है।

– लंबे खीरे 80 से 100 रुपए किलो बिकेंगे।

नेट हाउस क्यों जरुरी
काजरी के सब्जी विज्ञान के वैज्ञानिक डॉ प्रदीप कुमार ने बताया कि राजस्थान में गर्मियों में तेज गर्मी व तेज गर्म हवाएं चलती है। सूरज की तीव्रता तीसरा प्रतिकूल कारण है। सर्दियों में तेज सर्दी और बफीर्ली हवाएं होती है। ऐसे में नेट हाउस में सब्जी सुरक्षित रहती है।

हमनें छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए Agricultural scheme नेट हाउस योजना विकसित की है। युवा इसे अपनाकर बढि़या रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।
– डॉ ओपी यादव, निदेशक काजरी, जोधपुर

Source: Jodhpur

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