Posted on

बाड़मेर . शहर के सिणधरी चौराहे से जालोर की ओर से जाने वाले हाइवे पर बने डिवाडरों पर जहां यातायात सम्बधित सूचनाएं, रेडियम आदि लगने थे। उन डिवाइडरों पर दुकानों ,शराब के ठेकों, होटलों, अस्पतालों आदि का प्रचार प्रसार धड्डले से हो रहा है। भ्रमित करने वाले होर्डिंग बोर्ड के कारण कभी भी हादसा हो सकता है। इसके बाद भी जिम्मेदारों की ओर से इन पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।
संकेतों का नहीं अता पता
हाइवे किनारे व डिवाइडरों पर जहां वाहन धीरे चलाएं, होर्न नहीं बजाए, आगे मोड है, ब्रेकर है, वाहन गति सीमा, अस्पताल, स्कूल, सहित अन्य संकेत होने चाहिए। उन स्थानों पर यहां ठण्ड़ी बीयर मिलती है। इसके अलावा विभिन्न, होटलों, अस्पतालों सहित अन्य दुकानों का प्रचार प्रसार हो रहा है।
हादसों को मिल रहा न्योता
हाइवे पर लगे विभिन्न प्रकार के होर्डिंग बोर्ड से चालकों का ध्यान भंग होता है। इसके अलावा यातायात संकेतों के लिए लगे बोर्डों पर भी दुकानदार प्रचार प्रसार कर रहे है। डिवाइडरों पर बोर्ड होने के कारण पैदल राहगीरों को रास्ता पार करने में समस्या आती है।
समस्या यहां भी
शहर के चौहटन चौराहे से जालीपा की ओर बने आरओबी पर भी जगह जगह होर्डिंग बोर्ड चालकों को भ्रमित कर रहे है। यहां भी यातायात संकेतों का अभाव है। आरओबी पर भी अधिकांश लाइटें रात को बंद रहती है।
रात में अंधेरे का आलम
करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद बने हाइवे पर एक भी लाइट नहीं लगी है। ऐसे में रात को वाहन चालकों व राहगीरों के लिए खतरा मंडराता रहता है। अंधेरे के चलते कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
जिम्मेदार नहीं गंभीर
हाइवे पर किसी प्रकार के प्रचार प्रसार के लिए मनाही है। इसके बावजूद भी हाइवे पर बोर्डों की भरमार है। जिला प्रशासन के साथ हाइवे मॉनिटङ्क्षरग के लिए लगी ङ्क्षवग भी किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। ऐसे में दुकानदार बिना किसी भय के डिवाइडरों पर प्रचार प्रचार कर रहे है। जिम्मेदारों की उदासीनता हादसों को न्योता दे रही है।

Source: Barmer News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *