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नई दिल्ली। देश भर के लगभग सभी राज्यों में रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (रेरा)1 अगस्त से प्रभावी हो गया है। डवलपर्स के लिए रेरा में प्रॉजेक्ट पंजीकरण की अंतिम तारीख 31 जुलाई थी। यानी, मंगलवार से होम बायर्स रेरा की वेबसाइट पर डवलपर्स के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं। किसी डवलपर के खिलाफ शिकायत होती है तो सुनवाई भी जल्द होगी और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई भी होगी।

इस तरह करें शिकायत
रियल इस्टेट प्रॉजेक्ट जिनका रेरा के तहत पंजीकरण हुआ है, उसमें किसी भी प्रकार की शिकायत दर्ज कराने के लिए ग्राहक रेरा की वेबसाइट पर शिकायत कर सकते हैं। आप जिस राज्य में है उस राज्य में रेरा की वेबसाइट पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

तय समय पर मिलेगा घर
रेरा में किए गए प्रोविजन के तहत डवलपर को बायर्स के साथ एग्रीमेंट करते वक्त प्रोजेक्ट पूरा होने और पजेशन की डेट बतानी होगी। एक्ट के मुताबिक, पजेशन में देरी होने पर डेवलपर्स को लगभग 11 फीसदी की दर से आपके जमा राशि पर ब्याज देना होगा। डवलपर्स को 3 साल की सजा भी हो सकती है।

जल्द होगी सनुवाई
होम बायर्स के शिकायत पर रेग्युलेटरी अथॉरिटी 60 दिन के भीतर अपना फैसला सुना देगी। रेग्युलेटरी अथॉरिटी प्राइवेट के साथ दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी, गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी जैसे घर बनाने वाली सरकारी एजेंसियों की शिकायत भी सुनेंगी।

पैसे का हेरफेर नहीं होगा
समय पर प्रोजेक्ट का पजेशन नहीं मिलने की सबसे बड़ी दिक्कत यह रही कि डवलपर्स एक प्रोजेक्ट का पैसा दूसरे प्रोजेक्ट में लगा देते थे। इसके चलते प्रोजेक्ट समय पर बन नहीं पता था। रेरा में एक प्रोजेक्ट का 70 फीसदी पैसा एक अलग अकाउंट में जमा कराना है।

ये होंगे अब बदलाव
रियल एस्टेट बेल पूरी तरह प्रभावी होने से रियल्टी सेक्टर की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी। प्रोजेक्ट्स की प्री-लॉन्चिंग के नाम पर बुकिंग नहीं हो सकेगी। बिना रजिस्टेशन के प्रोजेक्ट्स की एड नहीं दे पाएंगे। वैसे डवलपर्स पर अंकुश लगेगा जो मार्केट से पैसा उगाही करने के लिए प्रोजेक्ट लाते हैं।
Source: property-buying-tips

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