बाड़मेर। जिले में सौर उर्जा की अपार संभावना के कारण किसानों की ओर से कुसुम योजना के तहत निवेश कर पावर प्लांट लगाने से ना सिर्फ प्लांट लगाने वाले किसानों को नियमित आय होगी वहीं उनके आस-पास के किसानों को गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति रात के साथ-साथ दिन में भी मिल सकेगी। यह बात जोधपुर डिस्कॉम, बाड़मेर के अधीक्षण अभियंता अजय माथुर ने मंगलवार को अक्षय उर्जा निगम राजस्थान सरकार की ओर से कुसुम योजना के तहत स्थापित किए जाने वाले सोलर प्लांट के संबंध में किसानों की जिज्ञासाओं व समस्याओं का निराकरण के लिए आयोजित कार्यशाला में कही।
माथुर ने कहा कि जिले में वर्तमान में बुरहान का तला में एक-एक मेगावाट के दो एवं उण्डू में 2 मेगावाट का एक सोलर प्लांट स्थापित हैं, जिससे स्थानीय किसानों को गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति मिल रही हैं। साथ ही प्लांट लगाने वाले किसानों को विद्युत उत्पादन के कारण नियमित आय भी हो रही हैं। ऐसे में जिले में अधिक संख्या में प्लांट लगना मरूस्थल के लिए वरदान साबित होगा।
जीएसएस के 5 किमी परिधि में लगा सकते हैं प्लांट
राजस्थान अक्ष्य उर्जा निगम के राजेश अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में कुसुम योजना के भाग अ में पंजीकरण करवाने वाले बाड़मेर जिले में 64 किसानों को प्रोत्साहित करने, उनकी समस्याओं का निस्तारण करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया हैं। योजना के तहत 0.5 से 2 मेगावाट तक के सोलर प्लांट नजदीकी 33/11 केवी जीएसएस के 5 किमी की परिधि में ही स्थापित किए जा सकते हैं।
25 साल तक होगी आय
कार्यशाला में दीपक दत्त रावल ने बताया कि कार्यशाला में 80 किसानों ने भाग लिया जिन्हें योजना की पूर्ण जानकारी देने के साथ ही आगामी दिनों में अक्षय उर्जा निगम एवं किसानों के बीच होने वाले पावर पर्चेज एग्रीमेंट के बारे में जानकारी गई। प्रशांत सैन ने बताया कि योजना के तहत किसानों को विद्युत उत्पादन के बदले 3.14 रुपए प्रति यूनिट की दर से अगले 25 साल तक आय होगी। कार्यशाला में डिस्कॉम से अधिशाषी अभियंता ए.के. जैन, दुर्गाराम चौधरी, कैलाश कुमार सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।
Source: Barmer News