-बाड़मेर.राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग ने अभावग्रस्त गांवों में ग्रीष्मावकाश के मद्देनजर भी विद्यालयों में पोषाहार व्यवस्था जारी रखने के आदेश दिए हैं। वहीं आंगनवाड़ी पाठशालाओं पर पंजीकृत विभिन्न वर्ग के बच्चों के साथ गर्भवती व धात्री महिलाओं को मिलने वाला पोषाहार तकरीबन दो माह से बंद पड़ा है।
शाला पूर्व मिलती है शिक्षा
आंगनबाड़ी पाठशालाओं पर खेल-खेल में शाला पूर्व शिक्षा देने के उद्देश्य को लेकर 2 वर्ष से 6 वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र में नामांकित किया जाता है। जिससे छोटे बच्चे इन केंद्रों पर दी जाने वाली शाला पूर्व शिक्षा ग्रहण कर सके।
ठहराव के लिए निजी खर्चा
आंगनवाड़ी पाठशालाओं में पंजीकृत विद्यार्थियों को पोषाहार नहीं मिलने से कार्यकर्ताओं के सामने नामांकन के अनुरूप ठहराव को लेकर समस्या उत्पन्न हो गई है। छोटे बच्चों को निर्धारित समय तक केंद्र पर ठहराव के लिए कार्यकर्ता निजी खर्चे से बिस्कुट चॉकलेट व अन्य व्यवस्था कर रहे हैं।
आपुर्ति व्यवस्था में बदलाव से उत्पन्न हुई समस्या
वैश्विक महामारी के दौरान आंगनवाड़ी पाठशालाओं में पंजीकृत विभिन्न वर्ग के लाभार्थियों को विद्यार्थियों की भांति उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से अक्टूबर 2020 सूखा अनाज वितरित किया जाता था। तत्पश्चात मार्च 2022 का आंगनवाड़ी पाठशाला ऊपर सीधा भारतीय खाद्य निगम द्वारा पोषाहार की सामग्री वितरित की जाती थी। जो 31 मार्च 2022 को बंद हो गई। इसके बाद आंगनवाड़ी पाठशाला हो पर पिछले दो माह से खाद्य सामग्री की आपूर्ति नहीं हो रही है।
पहले स्वयं सहायता समूह से होती थी आपुर्ति
वैश्विक महामारी से पूर्व आंगनवाड़ी पाठशालाओं को पोषाहार की आपूर्ति स्वयं सहायता समूह द्वारा की जाती थी। वैश्विक महामारी के दौरान पोषाहार व्यवस्था बंद होने के बाद आपूर्ति को लेकर समस्या उत्पन्न हुई है। सूत्रों से जानकारी मिली की आंगनवाड़ी पाठशालाओं अब प्रदेश स्तरीय टेंडर प्रक्रिया के बाद फर्मों के माध्यम से पोषाहार सामग्री आंगनवाड़ी पाठशालाओं तक उपलब्ध करवाने की प्रक्रिया चल रही है।
फैक्ट फाइल-
आंगनवाड़ी पाठशाला-244
पंजिकृत गर्भवती व धात्री महिलाएं -2805
किशोरियां-476
6 माह से 3 वर्ष-5510
3 से 6 वर्ष-4415
पोषाहार सामग्री- (प्रति माह 25 दिन)
क्रसं. वर्ग सामग्री मात्रा ग्राम में
1. 6 माह से 6 वर्ष गेहूं 1250
चावल 1250
चणा दाल 2000
2.गर्भवती , धात्री महिलाएं व गेहूं 1500
किशोर बालिकाएं चावल 1500
चणा दाल 3000
”अप्रैल माह से आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषाहार की आपूर्ति नहीं हुई है। बच्चों के ठहराव के लिए निजी स्तर पर उनके अल्पाहार की व्यवस्था की जा रही है।”
चंचल , आंगनवाड़ी कार्यकर्ता
”आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषाहार आपूर्ति की टेंडर प्रक्रिया प्रक्रियाधीन है। पुरानी व्यवस्था के अनुसार वर्तमान में गेहूं व चावल का उठाव हो चुका है।”
प्रहलादसिंह राजपुरोहित, उप निदेशक महिला एवं बाल कल्याण विकास विभाग -बाड़मेर
Source: Barmer News