Wheat Price: करीब 100 दिन से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण विश्व के कई देशों में गेहूं के निर्यात से देश में सप्लाई गड़बड़ाने से भावों में तेजी आ गई थी। मांग की तुलना में सप्लाई नहीं होने व गेहूं के भावों में तेजी आने से केन्द्र सरकार ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी। इससे करीब 3 माह से ज्यादा समय से गेहूं के भावों में बनी तेजी पर लगाम लगी है। गेहूं के प्रति क्विंटल भावों में 100-200 रुपए गिरावट आई है। वहीं, हर क्वालिटी के गेहूं में 1-2 रुपए प्रति किलो कम होने से आम जनता को भी राहत मिली है।
गौरतलब है कि विश्व में यूक्रेन गेहूं का बहुत बड़ा निर्यातक है। युद्ध के कारण विश्व के कई देशों ने भारत से गेहूं आयात किया है। यूक्रेन के बाद भारत दूसरे सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश है। करीब तीन माह से गेहूं के भाव 2700 से 3200 रुपए प्रति क्विंटल से गिरकर अब 2500-3000 रुपए तक पहुंंच गए हैं। हालांकि दूसरे राज्यों से आने वाला सोर्टेक्स गेहूं 2600-3000 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रहा है।
निर्यात पर रोक हटी तो फिर महंगा
जहां निर्यात पर रोक लगने से गेहूं के भावों में कमी आई और लोगों को कुछ राहत मिली । वहीं, हाल ही में, सरकार ने देश में गेहूं के सरप्लस होने व विश्व में गेहूं की मांग को बढ़ता देख गेहूं के निर्यात पर रोक हटाने के संकेत दिए है। अगर ऐसा हुआ तो आगामी दिनों में फिर गेहूं में तेजी देखने को मिल सकती है।
लोग स्टॉक भी कम करने लगे
जोधपुर कृषि उपज मंडी के होलसेल व्यापारियों के अनुसार देश में गेहूं का बम्पर उत्पादन होने के बाद भी पिछले तीन माह में गेहूं और आटे के भाव में रेकाॅर्ड बढ़ोतरी हुई है। हर साल गर्मी के सीजन में सालभर के गेहूं का स्टॉक करने वाले लोग अब भावों में आई तेजी के कारण कतरा रहे हैं। रही-सही कसर आटे के भाव में पांच से सात रुपए प्रति किलो की तेजी आने से हो गई। ऐसे में लोग केवल एक माह के गेहूं का ही स्टॉक कर रहे हैं।
दाम बढ़ने की वजह
गेहूं के दाम बढ़ने के पीछे सबसे बड़ा कारण जहां रूस-यूक्रेन युद्ध है। वहीं गत दो साल में गेहूं का समर्थन मूल्य बाजार भाव से नीचे रहने, किसानों को गेहूं का लागत से कम मूल्य मिलने तथा सरसों के बाजार भावों में तेजी के चलते भारत में गेहूं की बुवाई का रकबा घट गया था। इस कारण देश मे गेहूं उत्पादन गत वर्षों की अपेक्षा कम हुआ। इस बीच रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते गेंहू के दाम सीधे 5 से 8 रुपए किलो बढ़ गए थे।
श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ में सर्वाधिक उत्पादन
प्रदेश में सबसे ज्यादा उत्पादन श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, कोटा आदि क्षेत्रों में होता है। वहीं जोधपुर में करीब 73 हजार हैक्टेयर में गेहूं उत्पादन हुआ है।
जोधपुर में गेहूं की प्रमुख क्वालिटी व प्रति किलो भाव
किस्म———– पुराने भाव– वर्तमान भाव प्रति किलो में
एमपी शरबती— 24-26 — 25-30
बिलाड़ा फार्मी– 32-35 — 40-45
लाल गेहूं– 25-30– 35-40
Source: Jodhpur