एरियर दिलाने के एवज में अपने ही अधीनस्थ कर्मचारी से सात हजार रुपए की रिश्वत लेने पर डाकघर अधीक्षक प्रधान डाकघर बाड़मेर संग्राम भंसाली को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने शुक्रवार शाम गिरफ्तार किया।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अनुसार डाकघर बाड़मेर में एमटीएस के पद पर कार्यरत रेवंतसिंह निवासी बलाई का दो लाख नौ हजार रुपए एरियर था। एरियर के लिए उसने मार्च महीने में डाकघर अधीक्षक से बात की। अधीक्षक ने एरियर दिलाने के एवज में चालीस हजार रुपए रिश्वत की मांग की। रेवंतसिंह ने एरियर मिलने पर चालीस हजार रुपए देने की हां भर दी। उसे 29 मार्च 2022 को 64 हजार रुपए एरियर मिल गया। एरियर मिलने के दो दिन बाद ही 31 मार्च को डाकघर अधीक्षक ने रेवंतसिंह से तीस हजार रुपए ले लिए और बाकी के दस हजार रुपए प्रतिमाह एक-एक हजार रुपए के हिसाब से देने अथवा एरियर की शेष राशि मिलने पर एकमुश्त देने को कहा। 28 अप्रैल को रेवंतसिंह ने एक हजार रुपए दिए। यह राशि देने के बाद वह एसीबी के पास पहुंचा और पूरी कहानी बताई।
एसीबी ने किया सत्यापन, ट्रेप कार्रवाई
एमटीएस रेवंतसिंह के परिवाद का एसीबी टीम ने सत्यापन करवाया। सत्यापन के दौरान एमटीएस व डाकघर अधीक्षक के बीच वार्तालाप में अधीक्षक ने कहा कि वह सात हजार रुपए एकमुश्त दे दे तो वह उसके एरियर की बची हुई राशि के लिए रिकमण्ड लेटर आगे भेज देगा। सात हजार रुपए देने की सहमति बनने के बाद शुक्रवार शाम एसीबी टीम ने सीआई मुकनदान के नेतृत्व में ट्रेप की कार्रवाई की। रेवंतसिंह सात हजार रुपए लेकर डाकघर अधीक्षक संग्राम भंसाली के कार्यालय में पहुंचा, जहां अधीक्षक ने राशि टेबल पर रखने को कहा। इशारा पाकर एसीबी टीम मौके पर पहुंची और राशि बरामद कर डाकघर अधीक्षक को गिरफ्तार कर लिया।
2006 में उधार लिए थे
पकड़े जाने के बाद डाकघर अधीक्षक ने एसीबी टीम को कहा कि रेवंतसिंह ने वर्ष 2005 में उससे पांच हजार रुपए उधार लिए थे। जिसका प्रतिमाह दो सौ ब्याज बनता है। यह राशि पुराने उधार से संबंधित है। इसके साक्ष्य उसके पास है। एसीबी टीम ने साक्ष्य दिखाने को कहा तो उसने बताया कि डायरी घर पर है। एसीबी टीम डाकघर अधीक्षक को लेकर उसके जूना किराडू मार्ग स्थित पैतृक घर पहुंची, जहां वह कोई साक्ष्य दिखाने में विफल रहा। इस पर उसे गिरफ्तार किया गया।
Source: Barmer News