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Heart Attack In Youth: जोधपुर. यूथ में बढ़ता हार्ट अटैक का खतरा चिंता का विषय बनता जा रहा है। अनियंत्रित व बिगड़े खान-पान के चलते युवाओं की धमनियां जाम हो रही हैं। एम्स जोधपुर क्लिनिक में हर रोज सवा सौ की आउटडोर ह्रदय रोग विभाग में रहती हैं। इसमें प्रतिदिन बीस युवा मरीज (उम्र 25 से 40 आयुवर्ग) के पहुंच रहे हैं, जिनमें से दो-तीन युवाओं के दिल के रोग सामने आ रहे हैं।

ज्यादातर युवाओं में शराब और स्मोकिंग की आदत को हार्ट अटैक, स्ट्रोक और दिल की बीमारियों का जिम्मेदार माना जा रहा है। आइसीएमआर की एक स्टडी अनुसार सड़क हादसों के बाद युवाओं की मौत की दूसरी बड़ी वजह दिल के रोग हैं। 15 से 39 वर्ष के उम्र वर्ग में होने वाली 12.5 फीसदी मौतों में से 15.8 में मौत की वजह हृदय रोग ही हैं।

अब 40 साल की उम्र में ही दिल की बीमारी
अमूमन 50 वर्ष की उम्र के बाद दिल की बीमारी होने की आशंका बढ़ जाती है, लेकिन बीते एक दशक में यह उम्र घटकर 40 वर्ष हो गई है। कम उम्र में न सिर्फ दिल के रोगी सामने आ रहे हैं, बल्कि मौतें भी हो रही हैं। अध्ययन के मुताबिक 40-69 की उम्र में 40.7 फीसदी मौतों में 35.5 में मरने की वजह हृदय रोग हैं।

बदली लाइफ स्टाइल
युवाओं पर काम का दबाव, खानपान और बदली लाइफ स्टाइल मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। इसके अलावा कइयों को वंशानुगत भी बीमारी हो जाती है। कई युवा सीने में दर्द को लंबे समय तक झेलते रहते है। आखिर में तकलीफ बढ़ने पर वे अस्पताल पहुंच रहे हैं। युवा संतुलित आहार न लेकर फास्ट फूड का भी अत्यधिक सेवन कर रहे हैं, जो स्वास्थ्य के लिए घातक हैं। चिकित्सकों का कहना हैं कि संतुलित आहार के साथ युवाओं को व्यायाम, योगा व वॉकिंग पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए।

डॉक्टर का कहना
आजकल युवा संतुलित आहार नहीं लेता है। युवाओं में कम उम्र में ही प्री-डायबिटीज की शिकायतें आने लगी हैं। मानसिक तनाव और शारीरिक गतिविधियों में कमी होने से भी युवाओं के हार्ट अटैक के मामलों मे बढ़ोतरी हुई है। शराब और तंबाकू का सेवन भी इसकी मुख्य वजह है।
-डॉ. अतुल कौशिक, सहायक आचार्य, कार्डियोलॉजी विभाग, एम्स जोधपुर

Source: Jodhpur

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