जोधपुर।
मण्डोर औद्योगिक क्षेत्र में सड़क हादसे में जब्त कार को फर्जी बीमा पॉलिसी पेश कर कोर्ट से छुड़वा (Seized Car released on fraud Inusurance Policy) ली गई। हादसे में घायल ने पॉलिसी के आधार पर एमवी एक्ट में 25.85 लाख रुपए का बीमा क्लेम किया तो जांच में फर्जीवाड़ा (Fruad disclosed when claimed of 25.85 lakh Rs) उजागर हुआ। कार मालिक के खिलाफ बीमा कम्पनी ने उदयमंदिर थाने (Police station Uddaimandir) में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया।
पुलिस के अनुसार आखलिया चौराहे के पास द न्यू इण्डिया इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड (The New India Insurance Company limited) मण्डल कार्यालय के मण्डल प्रबंधक कमला चौहान ने नेतड़ा में राइकों की ढाणी निवासी भागीरथ पुत्र पांचाराम मेघवाल व भूरी बेरी क्षेत्र निवासी राजूराम पुत्र हरंचदराम के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया। आरोप है कि 5 मई 2017 को मण्डोर औद्योगिक क्षेत्र में कार की चपेट से बाइक सवार विशनदास व चैनदास चोटिल हो गए थे। मण्डोर थाने में मामला दर्ज कराया गया था। पुलिस ने कार व बाइक जब्त की थी। कार का बीमा 11 मई 2017 से 10 मई 2018 तक था। दुर्घटना के दौरान कार बीमित नहीं थी।
जबकि कार चालक ने मिलीभगत से पॉलिसी में कांट-छांट कर 11 अप्रेल 2017 को जारी होकर 10 अप्रेल 2018 तक जारी होना कर दिया था। इस बीमा पॉलिसी को कोर्ट में पेश कर दी गई थी। जिस पर कोर्ट ने कार छोड़ने के आदेश जारी किए थे।
उधर, मामले में कोर्ट में चालान पेश कर दिया गया था। घायल विशनदास ने एमवी एक्ट के तहत 25.85 लाख रुपए का क्लेम कर दिया था। बीमा कम्पनी को पक्षकार बना दिया गया था। बीमा कम्पनी ने पॉलिसी की जांच की तो वह फर्जी निकली। उसमें कांट-छांट की गई थी। उसी से कोर्ट ने कार रिलीज की थी।
इसकी पुष्टि होने पर बीमा कम्पनी ने भागीरथ व मिलीभगत में शामिल पॉलिसी मालिक राजूराम पुत्र हरचंदराम के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया।
Source: Jodhpur