CBI FIR Fertilizer Scam: जोधपुर. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) ने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत व 14 अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है। जोधपुर में अग्रसेन गहलोत के मकान व दुकान-ऑफिस में शुक्रवार को दबिश देकर जांच शुरू की। संभवत: फर्टिलाइजर के घोटाले के संबंध में यह मामला दर्ज किया गया है। उधर, कार्रवाई को लेकर यूथ कांग्रेस ने सीएम के भाई के मकान के बाहर प्रधानमंत्री व सीबीआइ के खिलाफ प्रदर्शन किया।
सीबीआइ प्रवक्ता आर.के. गौड़ ने बताया कि सीबीआइ नई दिल्ली ने फर्टिलाइजर स्कैम के संबंध में 15 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की। इन आरोपियों के ठिकानों पर सीबीआइ की अलग-अलग टीमों ने सुबह एक साथ दबिश दी। मामले की जांच की जा रही है।
सुबह-सुबह सीएम के भाई के घर पहुंची सीबीआइ
सीबीआइ दिल्ली की अलग-अलग टीमें अल-सुबह जोधपुर पहुंची। लालसागर स्थित सीबीआइ के स्थानीय ऑफिस में कुछ देर ठहरने के बाद उन्होंने मण्डोर क्षेत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत के फार्म हाउस पर बने मकान व पावटा सर्कल पर खाद बीज की दुकान अनुपम एजेंसी में दबिश दी। सीबीआइ के पहुंचने के दौरान दुकान व ऑफिस खुला नहीं था, जिसे बाद में खोलकर तलाशी शुरू की गई। ऐसा माना जा रहा है कि जांच में सीबीआइ को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं। हालांकि जांच में जुटे सीबीआइ अधिकारियों ने कार्रवाई के संबंध में चुप्पी साध रखी है।
दो साल पहले ईडी ने मारे थे छापे
प्रतिबंधित उर्वरक मूरियट ऑफ पोटाश (एमओपी) के अवैध रूप से निर्यात के मामले में कस्टम विभाग की डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआइ) ने अग्रसेन पर 5.45 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। यह घोटाला 13 साल पहले गुजरात में पकड़ा गया था। इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका पर ईडी ने भी करीब चार साल पहले जांच शुरू की थी। तत्पश्चात 22 जुलाई 2020 को ईडी की तीन अलग-अलग टीमों ने कार्रवाई कर महत्वपूर्ण दस्तावे जुटाए थे। छापेमारी में दस्तावेज जब्त करने के बाद अग्रसेन गहलोत को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए ईडी के दिल्ली स्थित कार्यालय में तलब किया गया था।
विदेश तक घोटाले के तार
घोटाले के तार कोलकाता, सिरोही व जोधपुर के फलोदी से जुड़े होने की बात भी सामने आई थी। इन क्षेत्रों की फर्मों का इस्तेमाल फर्जी बिल बनाने और एमओपी को फैल्सपार पाउडर और इंडस्ट्रियल सॉल्ट बताकर सिंगापुर, मलेशिया व ताइवान आदि देशों को निर्यात करने में किया गया। वहां एमओपी का इस्तेमाल नॉन यूरिया फर्टिलाइजर बनाने में किया जाता है।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ मामला
– सराफ इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता
– प्रवीण सराफ, निदेशक, सराफ इम्पेक्स
– दिनेश चन्द्र अग्रवाल, मैसर्स शिवम कैमिकल्स
– कैलाशपुरी गोस्वामी, कैलाशपति कैमिकल्स एण्ड मिनरल्स इण्डस्ट्रीज
– शांतिलाल माली, संदीप सप्लायर्स और रामदेव कैमिकल सप्लायर्स एंड कान्ट्रैक्टर्स
– सुमेरपुरी गोस्वामी, कृष्णा एग्रो एजेंसी
– विजयसिंह गोहिल, जय भवानी रोड लाइलाइंस
– बृजेश जयराम नाथ, स्वास्तिक शिपिंग
– अशोक बाबूलाल अग्रवाल, कुमार एण्ड ब्रदर्स, धौलपुर
– अग्रसेन गहलोत, अनुपम कृषि, जोधपुर
– अमृतलाल बांदी, लक्ष्मी एंटरप्राइजेज व लक्ष्मी ट्रेडिंग कम्पनी
– शरद मोरारजी भाई कक्कड़, शरद एग्रो सेंटर, डीसा
– नितिन कुमार शाह, कुसुम ट्रेडर्स, वड़ोदरा
– दीनदयाल बोहरा, अशोक नमक रिफाइनरी इण्डस्ट्रीज फलोदी (जोधपुर)
– सुमित शर्मा, क्लासिक सेल्स एजेंसी, कोलकाता
Source: Jodhpur