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गजेंद्र सिंह दहिया

राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एनएलयू) जोधपुर में इस साल भी राजस्थान मूल के विद्यार्थियों को आरक्षण नहीं मिलेगा। यह लगभग तय हो गया है। एनएलयू की प्रवेश परीक्षा क्लेट का परीक्षा परिणाम बीती रात घोषित होने के बाद शनिवार से काउंसलिंग भी शुरू हो गई, लेकिन एनएलयू जोधपुर ने अब तक अपनी सीट मैट्रिक्स में कोई बदलाव नहीं किया है। अब इसमें कोई बदलाव संभव नहीं होगा।

एनएलयू जोधपुर ने पिछले साल सितम्बर में राज्य सरकार को राजस्थानी मूल के विद्यार्थियों को अपने यहां 25 फ़ीसदी आरक्षण देने की अंडरटेकिंग दी थी। इसके बाद तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने विधानसभा में घोषणा की कि एनएलयू जोधपुर को निर्देशित करके उनकी एग्जीक्यूटिव काउंसिल में आरक्षण पर मोहर लगाई जाएगी। वर्ष 2022 से एनएलयू में आरक्षण मिलना शुरू हो जाएगा, लेकिन एनएलयू ने छह महीने में क्लेट कंसोर्सियम को सीट मैट्रिक्स में बदलाव करके नहीं भेजा। समय बीतता रहा, एनएलयू देखता रहा। छात्रों का एक साल और बर्बाद होने पर शनिवार शाम को सिरोही विधायक संयम लोढ़ा ने ट्वीट करके इस पर अफसोस जताया।

चार साल टरका रहा एनएलयू

एनएलयू जोधपुर पिछले 4 साल से राजस्थान के विद्यार्थियों को आरक्षण देने में टालमटोल कर रहा है। वर्ष 2018 में ही तत्कालीन भाजपा सरकार ने विधानसभा में एनएलयू जोधपुर में स्टेट कोटे के 25 फीसदी आरक्षण को सिद्धांतत: सहमति दी थी, लेकिन एनएलयू जोधपुर ने पहले अपने स्तर पर जांच कमेटी गठित करके आरक्षण को गलत बता दिया। फिर राज्य सरकार ने महाधिवक्ता की राय के बाद एनएलयू जोधपुर आरक्षण देने के लिए बाध्य किया। सितम्बर, 2021 में एनएलयू जोधपुर ने आरक्षण की हामी भर दी, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं किया।

सभी 22 एनएलयू में आरक्षण

देश में 23 एनएलयू है जिसमें से 22 एनएलयू में प्रवेश क्लेट परीक्षा के जरिए होता है। 21 एनएलयू में वहां के संबंधित राज्यों के विद्यार्थियों को आरक्षण है। केवल एनएलयू जोधपुर में ही प्रदेश के मूल विद्यार्थियों को आरक्षण प्राप्त नहीं है।

Source: Jodhpur

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